चीन के वुहान प्रांत से फैला कोरोनावायरस दुनिया के 17 देशों में फैल चुका है। अकेले चीन में ही अब तक इस वायरस की चपेट में आकर 213 लोगों की मौंत हो चुकी है। चीन में कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए भारत ने वहां फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए शुक्रवार को खास विमान रवाना किया। आते ही इन यात्रियों की सबसे पहले जांच की जाएगी। यात्रियों को रखने के लिए भारतीय सेना द्वारा हरियाणा के मानेसर में एक विशेष वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में चीन से आए सभी यात्रियों की डॉक्टरों और कर्मचारियों के सदस्यों की एक योग्य टीम द्वारा कुछ हफ्तों तक निगरानी की जा सकती है। सेना के अनुसार स्क्रीनिंग और विशेष वार्ड में रखने से पहले दो प्रक्रियाएं होंगी। यात्रियों की सबसे पहले हवाई अड्डे पर ही स्क्रीनिंग की जाएगी। उसके बाद उन्हें मानेसर के इस विशेष वार्ड में रखा जाएगा। इन यात्रियों में कोई संदिग्ध पाया गया तो दिल्ली छावनी में आइसोलेशन वार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा। सेना ने कहा कि भारतीय यात्रियों की स्क्रीनिंग सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) और हवाई अड्डा स्वास्थ्य प्राधिकरण (एपीएचओ) की संयुक्त टीम करेगी।
सेना के साथ-साथ भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस ने भी दिल्ली में 600 बेड का विशेष वार्ड बनाया है, जहां डॉक्टरों की विशेष टीम संदिग्धों की जांच करेगी। भारतीयों को निकालने के लिए चीन के वुहान हवाई अड्डे पर एयर इंडिया का 423 सीटों वाला बी 474 विमान दोपहर में 1.20 बजे रवाना भेजा गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के पांच डॉक्टर और एक पराचिकित्सक कर्मी विमान में हैं। विमानन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विमान करीब 12 बजकर 50 मिनट पर रनवे पर आया और दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर उड़ान भरा। विमान के उड़ान भरने में देरी हुई क्योंकि कुछ चीजों की मंजूरी लंबित थी। उन्होंने कहा कि संभावना है कि यह विमान शुक्रवार को देर रात एक बजे से दो बजे के बीच लौट आएगा। एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी ने बताया कि एयर इंडिया की फ्लाइट से चीन के वुहान से आज कम से कम 400 भारतीयों को लाया जाएगा। भारत पहुंचने के बाद यात्रियों के लिए विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आगे की व्यवस्था की जाएगी।