Aaj Samaj (आज समाज), Indian Armed Forces, नई दिल्ली: चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने तीनों सेनाओं की क्षमताओं को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। जनरल चौहान ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित त्रि-सेवा सम्मेलन ‘परिवर्तन चिंतन’ को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस सम्मेलन में तीनों सेनाओं के बीच संयोजन और एकीकरण के लिए नए विचारों, पहलों और सुधारों पर चर्चा की गई। सीडीएस ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए साझा कार्य संस्कृति विकसित करने की जरूरत है।
पारंपरिक सैन्य अवधारणाओं को नया दृष्टिकोण देना मकसद
अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस चौहान ने पारंपरिक सैन्य अवधारणाओं को एक नया दृष्टिकोण देने के मकसद से प्रत्येक सेवा के सर्वोत्तम प्रदर्शन पर जोर दिया, ताकि भारतीय बलों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। इस सम्मेलन में खासतौर पर थिएटर कमान के क्रियान्वयन के लिए सरकार की उस महत्वकांक्षी पहल पर चर्चा की गई, जिसकी कल्पना बड़े रक्षा सुधारों के हिस्से के रूप में की गई थी।
साझा ढांचे में परिवर्तन की आधारशिला त्रि-सेवा का संयोजन व एकीकरकण
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि जनरल चौहान ने ऐसे ढांचों को बनाकर प्रत्येक सेवा की क्षमताओं को एकीकृत करने की जरूरत पर भी जोर दिया, जो हमारी दक्षता, युद्ध क्षमता और पारस्परिकता को बढ़ाती हैं। मंत्रालय ने कहा कि साझा ढांचे में परिवर्तन की आधारशिला (त्रि-सेवा का) संयोजन और एकीकरकण है, जिस पर भारतीय सशस्त्र बल भविष्य के लिए तैयार होने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं।
एकीकृत रक्षा स्टाफ ने आयोजित किया था सम्मेलन
‘परिवर्तन चिंतन’ सम्मेलन में अंडमान और कमान के प्रमुख, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, रक्षा प्रबंधन कॉलेज और सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान के कमांडेंट के साथ-साथ सशस्त्र बल विशेष संचालन प्रभाग, रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी, रक्षा साइबर एजेंसी और रक्षा संचार एजेंसी के प्रमुखों ने भाग लिया। इस सम्मेलन को एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस) द्वारा आयोजित किया गया था।
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