Aaj Samaj (आज समाज), Indian Agricultural Research, करनाल, 8अगस्त, इशिका ठाकुर
भारतीय कृषि अनुसंधान के गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, करनाल में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं विचार मंथन कार्यक्रम ‘बीज स्वास्थ्य सुधार: स्वस्थ फसल, अधिक परता एवं लाभकारी गन्ना खेती की सफल कुंजी’ विषय पर आयोजित किया गया। इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं बिहार राज्य की 30 चीनी मिलों के अधिकारियों एवं प्रगतिशील गन्ना किसानों ने भाग लिया।
केंद्र के अध्यक्ष, डा. एम.एल. छाबडा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. बक्शी राम (पद्मश्री), डा. जी. हेमाप्रभा, निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बतूर का स्वागत एवं अभिनंदन किया। केन्द्र के अध्यक्ष डा. एम.एल. छाबडा ने सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को केन्द्र की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से अवगत करवाया।
डा. जी. हेमाप्रभा, निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बतूर ने मीडिया से बात करते हुए करनाल की उपलब्धियों की सराहना की तथा वैज्ञानिकों को गन्ने की अगेती किस्मो के विकास पर कार्य करने पर जोर दिया तथा डा. बक्शी राम पद्मश्री द्वारा सम्मानित किए जाने पर उन्हें बधाई दी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. बक्शी राम ने बताया कि भारत देश ने विश्वपटल पर चीनी उत्पादन में पहला स्थान अंकित करके देश को चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है।
गन्ने का बीज उपचार, शुद्ध बीज उत्त्पादन एवं टिशु कल्चर तकनीक द्वारा उत्त्पादित गन्ने की पोध का अधिक से अधिक उत्पादन करके गन्ने का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को सम्मान मिलना बेहद खुशी का विषय होता है और सरकार द्वारा उनकी उपलब्धियों पर उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया है इसके लिए वह सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।
इस अवसर पर संस्थान केवैज्ञानिको, डॉ डा. एस.के. पाण्डेय, डॉ एम. आर.मीना, डॉ पूजा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उच्च पैदावार हासिल करने के लिए तथा स्वस्थ बीज उत्पादन कार्यक्रम को और अधिक सफल बनाने के लिए सभी चीनी मिल अधिकारियों एवं बीज किसानों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर केंद्र के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। मंच का संचालन डा. एस.के. पाण्डेय द्वारा किया गया।
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