अरुण धन्ता । नई दिल्ली भारत में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा निलंबित है और भारत के बीच विशेष उड़ानों को पहले ही दोनों तरीकों से यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी जा चुकी है, अब भारत जल्द ही संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के साथ एक ‘ट्रैवल बबल’ शुरू करेगा। यह व्यवस्था कुछ दिनों के भीतर भारत और अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के बीच शुरू हो सकती है और दोनों पक्षों की एयरलाइंस को भारत के भीतर और बाहर यात्रियों को फ्लाइट संचालित करने और ले जाने की अनुमति होगी जो गृह मंत्रालय के नियमों के तहत ऐसा करने के लिए पात्र हैं। यह पता चला है कि अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के साथ चर्चा एक समापन चरण में है और घोषणाएं इस सप्ताह ही की जा सकती हैं। भारत ने इससे पहले कोविड-19 के दौरान यात्रा की सुविधा के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ यात्रा पर बात की है और अनुसूची उड़ानों को फिर से शुरू किया गया है।
इससे पहले, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी ने भारत से अपनी एयरलाइंस को एयर इंडिया के वंदे भारत मिशन जैसी उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देने के लिए कहा है। अमेरिका और फ्रांस दोनों ने इस महीने के अंत से लोगों को बिना अनुमति के पेरिस और अमेरिका के लिए श्इट उड़ानों पर उड़ान भरने की अनुमति देना बंद कर दिया है। अब तक तीन यूएई आधारित वाहक, अमीरात, एतिहाद और एयर अरबिया ने 12 जुलाई से 15 दिनों के लिए लोगों को वापस लाने के लिए भारत में प्रत्यावर्तन उड़ानों की शुरूआत की है। एक बार जब यह व्यवस्था अन्य देशों के साथ हो जाती है, तो उनकी एयरलाइनें टऌअ के निदेर्शों के अनुसार भारत के अंदर और बाहर भी यातायात कर सकेंगी। अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को भारत द्वारा 22 मार्च को निलंबित कर दिया गया था और कुछ मार्गों पर छोड़कर महीने के अंत तक वही रहेगा जो सरकार विशेष रूप से अनुमति दे सकती है।
एयर इंडिया मुख्य रूप से विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 6 मई से वंदे भारत मिशन के तहत प्रत्यावर्तन उड़ानों का संचालन कर रही है और अब तक हजारों लोगों को वापस भेज चुकी है।एयर इंडिया कुछ समय पहले तक अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे कुछ देशों के लिए भारत से बाहर श्इट उड़ानों पर लोगों को उड़ा रहा था जो आने वाले यातायात की अनुमति दे रहे थे।