2020 में 9वें स्थान पर तथा 2023 में 5वें स्थान पर पहुंच गया हमारा देश

Indian Economy Growth (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत सरकार ने जहां देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया हुआ है वहीं हमारा देश तेजी से विकास कर रहा है। यही नहीं इस समय भारत विश्व की उन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर हैं। वहीं आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उस समय दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार बनने के साथ भारत वैश्विक उत्पादन में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करेगा।

यह हैं भारत के विकास के मुख्य कारक

आने वाले दशकों में भारत की वैश्विक उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ेगी। इसके पीछे मजबूत आधारभूत कारक हैं। इनमें मजबूत जनसंख्या वृद्धि, वृहद स्थिरता से प्रभावित नीति, बेहतर बुनियादी ढांचा और एक उभरता हुआ उद्यमी वर्ग है। यह एक बड़े ऊर्जा परिवर्तन से गुजरेगा। जीडीपी में ऋण बढ़ेगा। विनिर्माण जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है। विकास में सुधार होने की संभावना है। कुछ महीने पहले की तुलना में उच्च आवृत्ति संकेतक स्पष्ट रूप से बेहतर हैं। सेवा निर्यात में सुधार के साथ राजकोषीय और मौद्रिक नीति समर्थन पर मंदी के बाद विकास में सुधार होगा। 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 6.3 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

2026-27 में महंगाई दर रहेगी कम

वित्त वर्ष 2026-27 में महंगाई 4.3 प्रतिशत रहेगी, जो वित्त वर्ष 2025 के 4.9 प्रतिशत से कम है। भारत 2026 में 4.7 लाख करोड़ डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, 2026 में अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। 2028 में जब यह जर्मनी को पीछे छोड़ेगा, उस समय इसकी अर्थव्यवस्था का आकार 5.7 लाख करोड़ डॉलर होगा। भारत 1990 में दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, जो 2000 में 13वें स्थान पर खिसक गया। 2020 में 9वें स्थान पर तथा 2023 में 5वें स्थान पर पहुंच गया।

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