India should have four rotating capital- Mamta banerjee: भारत की होनी चाहिए चार रोटेटिंग राजधानी, दिल्ली के पास ही सबकुछ क्यों हो- ममता बनर्जी

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल मेंविधानसभा चुनावों के करीब आनेकेसाथ ही राजनीतिक पार्टियांअधिक सक्रीय होकर अपना दबदबा दिखा रहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बंगाल के दौरे पर जाने वाले है इससे ठीक पहले ममता दीदी ने अपने किले में अपनी पैठ और अपना दमखम दिखाया। आज कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने पैदल मार्चनिकाला। मार्चके बाद उन्होंने रैली को संबोधित किया । रैली में ममता दीदी ने संबोधन के पहले शंखनाद भी किया। ममता बनर्जी श्याम बाजार से लेकर रेड रोड तक पैदल मार्चकर भाजपा को अपना दमखम दिखाया। बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी ने टीएमसी केपूर्वनेता शुभेंदु अधिकारी के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की और रैली में अपनी ताकत भी दिखाई। बंगाल में टीएमसी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर के कंधे पर हैऔर उन्होंने दावा किया है कि बंगाल में ‘भगवा पार्टी’ दहाई के अंक से ऊपर नहीं जाएगी। भाजपा ने बंगाल के चुनावों के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है। भाजपा केबड़ेनेताओं के चक्कर बंगाल में लग रहेहैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बंगाल का दौरा कई बार कर चुकेहैं। ममता बनर्जी के कई बड़ेनेता उनका साथ छोड़ चुके हैं। ममता दीदी के करीबी कहे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने भी टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। जिसके कारण पार्टी को अंदरूनी चोट लगी है। पार्टी के कई कद्दावर नेताओं नेहाल केदिनों में टीएमसी का दामन छोड़दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर कोलकाता पहुंचेंगे। इस उपलक्ष्य में वे ‘पराक्रम दिवस समारोह’ को संबोधित करेंगे।
-बंगाल की मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा मानना है कि भारत में 4 रोटेटिंग राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे देश पर कोलकाता से शासन किया था। हमारे देश में केवल एक ही राजधानी क्यों होनी चाहिए। हम आज ‘देशनायक दिवस’ मना रहे हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने नेताजी को ‘देशनायक’ कहा था। क्या है ये ‘पराक्रम’?
-नेताजी के पड़पोते सीके बोस ने कहा, ‘देश भर में पराक्रम दिवस के रूप में नेताजी की 125वीं जयंती मनाने का केंद्र का फैसला अच्छा है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी लेकिन अंतिम लड़ाई आजाद हिंद फौज ने लड़ी थी। लाल बहादुर शास्त्री ने दिसंबर 1965 में प्रधानमंत्री के रूप में कोलकाता के रेड रोड पर नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किया था। तब से 23 जनवरी को किसी अन्य प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया। इसलिए, हमने पीएम मोदी से इस दिन कोलकाता आने का अनुरोध किया और हम नेताजी के जन्मदिन को एक साथ मनाएंगे।’