India Pakistan On Kashmir, (आज समाज), न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर कश्मीर राग अलापने पर भारत ने उसे फटकार लगाई है। यूएन में भारत के उप प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से थे, हैं और हमेशा रहेंगे। पाकिस्तान ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिस पर आर रवींद्र ने उन्हें करारा जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर खुली बहस चल रही थी।
बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का आदतन प्रयास
भारतीय उप प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की टिप्पणियों को राजनीति से प्रेरित व निराधार बताया और कहा कि यह उसके अपने देश में बच्चों के खिलाफ जारी गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है। उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट रूप से इन आधारहीन टिप्पणियों को खारिज करता हूं और उनकी निंदा करता हूं।
बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन पाकिस्तान में बेरोकटोक जारी
आर रवींद्र ने कहा, पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन बेरोकटोक जारी है और यह इस साल महासचिव की बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर रिपोर्ट में उजागर किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वार्षिक बहस से सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान गया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बच्चों के खिलाफ उल्लंघन को रोकने के महत्व को पहचानने में मदद मिली है।
सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 1261
भारतीय उप प्रतिनिधि ने कहा, इस साल बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1261 को अपनाए जाने के 25 साल पूरे हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों में, वार्षिक बहस ने सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों को सामने लाया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बच्चों के खिलाफ उल्लंघनों को रोकने और समाप्त करने के महत्व को पहचानने में मदद की है।
बहुत कुछ किया जाना बाकी
आर रवींद्र ने कहा, इस दिशा में हम महासचिव के विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय के काम की बहुत सराहना करते हैं। हालांकि, सशस्त्र संघर्षों के बदलते परिदृश्य और बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इस चुनौती पर केवल उस सरकार द्वारा दृढ़ कार्रवाई करके ही काबू पाया जा सकता है, जिसके क्षेत्र में ऐसी संस्थाएं संचालित होती हैं।