बीजिंग। पाकिस्तान भारत सरकार के आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर से हटाने के बाद बौखलाए हुए है। पाकिस्ता के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पहले अमेरिका की ओर रुख किया फिर उसके बाद शाह महममूद चीन पहुंच गए। अमेरिका से समर्थन नहीं मिलने पर पाकिस्तान ने चीन का अपना हथियार बनाने की कोशिश की। हालांकि चीन ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान से संवाद तथा बातचीत के रास्ते विवादों को सुलझाने की सलाह दी। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई को ‘एकतरफा और गैरकानूनी करार देते हुए कहा कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा। पाकिस्तान के फैसले पर पूछे गये सवालों के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘चीन ने पाकिस्तान के संबंधित बयान पर संज्ञान लिया है। उसने यहां मीडिया को बांटे गये लिखित जवाब में कहा, ”हम पाकिस्तान और भारत का आह्वान करते हैं कि संवाद और बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाएं तथा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता कायम करें। चीन ने अनुच्छेद 370 से संबंधित भारत के फैसले का सीधा उल्लेख किये बिना कहा, ”सबसे पहली प्राथमिकता है कि संबंधित पक्ष को एकतरफा तरीके से यथास्थिति में बदलाव करना रोकना चाहिए और तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए। चीन ने छह अगस्त को लद्दाख को भारत का केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता की अनदेखी की गयी है। कुरैशी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर 11 अगस्त से यहां तीन दिनी दौरा शुरू करने वाले हैं। इस दौरान वह अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक बातचीत कर सकते हैं।