चीन पर टैरिफ के बाद भारत के हाथ आ सकता है निर्यात का बड़ा अवसर
US New Tariff Policy (आज समाज), बिजनेस डेस्क : डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तभी से विश्व में टैरिफ वार की संभावना बन गई हैं। इसका बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कई देशों के उत्पादों पर टैरिफ में वृद्धि करना है। हालांकि यह वृद्धि अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर करने की भी घोषणा की है और दो अप्रैल से वह नई नीति भारत के साथ भी अपनाएगा।
पिछले दिनों चीन पर लगाई गई ट्रैरिफ से भारत को खास फायदा होने की उम्मीद जगी है। आर्थिक विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा चीन पर लागू नई टैरिफ नीति के बाद भारत के रसायन निर्यात में मोटी वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में टैरिफ से भारत को होने वाले फायदे का कारण बताते हुए कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियां चीन से रसायन का निर्यात करने वाले वेंडर्स को बदलने के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही हैं। जिससे कनाडा, मैक्सिको और चीन पर सख्त टैरिफ लगाने से भारतीय रसायन कंपनियों को अमेरिकी बाजार में लाभ हो सकता है।
चीन से रसायन आयात पर 20% टैरिफ लगाएगा अमेरिका
अमेरिका ने चीन से आने वाले रसायनों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। भारतीय कंपनियां अधिक आकर्षक विकल्प बन गई हैं। चूंकि भारत को अब तक के एलानों के अनुसार केवल 10 प्रतिशत प्रतिशोधी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को चीन की तुलना में भारत से रासायन खरीदने पर लागत में 10 प्रतिशत का लाभ मिल सकता है। इससे भारत के रसायन निर्यात में काफी वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि विशेष रूप से रंगों, कृषि रसायन, अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन जैसे क्षेत्रों में देखने को मिल सकती है।
अमेरिका में कुल रसायन आयात का भारतीय हिस्सा 14 प्रतिशत
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा रसायन आयातक है। देश के कुल रसायन निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को 3.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रसायनों का निर्यात किया। हालांकि 24 में निर्यात में 26 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बावजूद अमेरिका अब भी भारतीय रसायनों के निर्यात के मामले में शीर्ष गंतव्य बना हुआ है।
2030 तक वार्षिक व्यापार 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य
ज्ञात रहे कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्टÑपति बनने के बाद पीएम मोदी ने उनके साथ अहम बैठक की थी। इस बैठक में दोनों देशों परे पारस्परिक व्यापार को अधिक बढ़ाने पर बल दिया था। जिसके तहत 2030 तक वार्षिक व्यापार में 500 बिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमत हुए। मोदी-ट्रंप वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस स्तर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक नई और निष्पक्ष व्यापार शर्तों की आवश्यकता होगी।
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