• गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि हैं प्रबोवो सुबियांटो

Indonesian President In India, (आज समाज), नई दिल्ली: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं और वह भारत पहुंच गए हैं। उन्होंने अक्टूबर-2024 में बतौर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया था और इसके बाद उनकी यह पहली भारत यात्रा है। राष्ट्रपति भवन में सुबियांटो का औपचारिक स्वागत किया गया, जो उनकी भारत यात्रा के महत्व को दर्शाता है।

राष्ट्रपति प्रबोवो ने स्वागत के लिए जताया आभार

राष्ट्रपति प्रबोवो ने स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता पर प्रकाश डाला। प्रबोवो सुबियांटो ने राष्ट्रपति भवन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर फोकस किया गया, जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा और व्यापार सहयोग पर चर्चा की गई।

भारत संग घनिष्ठ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध : प्रबोवो

राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा, इंडोनेशिया भारत को बहुत अच्छा मित्र मानता है। भारत उन पहले देशों में से एक था, (शायद पहला देश) जिसने हमारी स्वतंत्रता को मान्यता दी। उन्होंने कहा, भारत ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में हमारा साथ दिया जिसे हम कभी नहीं भूलेंगे। प्रबोवो ने कहा, मैं आज बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैं कल भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि भी बनंूगा। राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा, मैं भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग व प्रगाढ़ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं। यह मेरा दृढ़ संकल्प है।

प्रबोवो की यात्रा क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का अवसर

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के लिए अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने व आपसी चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर है। भारत का एक व्यापक रणनीतिक साझेदार इंडोनेशिया भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसका उद्देश्य पूर्वी एशिया के साथ संबंधों को मजबूत करना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ाना है।

साझा संघर्षों के दौरान मजबूत हुए राजनीतिक संबंध

भारत और इंडोनेशिया के बीच दो सहस्राब्दियों से भी अधिक पुराने सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों का समृद्ध इतिहास है। भारत से इंडोनेशिया में हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम परंपराओं के आदान-प्रदान ने दोनों देशों के सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार दिया है, जिससे मजबूत और स्थायी संबंध विकसित हुए हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध स्वतंत्रता के लिए उनके साझा संघर्षों के दौरान मजबूत हुए।

इंडोनेशिया के पहले गणतंत्र दिवस अतिथि राष्ट्रपति सुकर्णो

इंडोनेशिया के पहले गणतंत्र दिवस अतिथि राष्ट्रपति सुकर्णो थे। उन्हें 1950 में सम्मानित किया गया था। दोनों देशों ने एशियाई और अफ्रीकी देशों के स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन किया है, जिसका उदाहरण बांडुंग सम्मेलन और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के गठन में उनकी भूमिका है। रक्षा के क्षेत्र में, भारत-इंडोनेशिया हाल के वर्षों में करीब आए हैं। मई 2018 में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो उनकी बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। राष्ट्रपति प्रबोवो की ताजा यह यात्रा इन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।

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