नई टैरिफ नीति को लेकर अभी तक स्पष्ट नहीं हुई तस्वीर

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय व्यापार जगत में वर्तमान में सबसे बड़ा चर्चा का विषय आजकल अमेरिका की नई टैरिफ नीति है जोकि वह आगामी दो अप्रैल से लागू करने जा रहा है। हालांकि इस बारे में अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिकी राष्टÑपति अपनी घोषणा के अनुसार इसे दो अप्रैल से ही लागू करने जा रहे हैं या फिर कनाडा की तरह भारत के साथ भी इसकी तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा। वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने संसद की एक समिति को बताया कि भारत मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार को उदार बनाना चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

टैरिफ युद्ध से सभी को नुकसान

बड़थ्वाल ने संसद समिति सदस्यों से कहा कि टैरिफ युद्ध से अमेरिका सहित किसी को भी मदद नहीं मिलेगी तथा इससे मंदी आ सकती है। कुछ सदस्यों ने कहा कि भारत कनाडा और मेक्सिको तरह व्यापार शुल्क पर आवाज क्यों नहीं उठा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि भारत की इन दोनों देशों के साथ तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि अमेरिका को उनके साथ सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं और सीमा आव्रजन संबंधी मुद्दे हैं।

भारत को होगा 61 हजार करोड़ रुपए का सालाना नुकसान

यदि ऐसा होता है तो एक अनुमान के अनुसार भारत को हर सल 61 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक शुल्क की धमकी से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंकाओं बीच भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के तहत चुनौती का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। मामले से परिचित लोगों ने वाशिंगटन में 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ट्रंप द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए कहा कि भारत को समाधान खोजने का भरोसा है।

वार्षिक व्यापार 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य

दोनों देश व्यापार समझौते पर बातचीत करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए 2030 तक वार्षिक व्यापार में 500 बिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमत हुए। पिछले दिनों मोदी-ट्रंप वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि इस स्तर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक नई और निष्पक्ष व्यापार शर्तों की आवश्यकता होगी।

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