India-Europe-Middle East Deal: भारत-यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील पर मुहर, चीन को BRI और CPEC का जवाब

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India-Europe-Middle East Deal
चीन को बीआरआई और सीपीईसी का जवाब, भारत-यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील पर मुहर

Aaj Samaj (आज समाज), India-Europe-Middle East Deal, नई दिल्ली: दिल्ली में जी20 समिट के दौरान भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट यानी खाड़ी देशों के बीच डील हुई है और इसके तहत भारत-यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जाएगा , इसलिए इसे भारत, यूरोप, मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील कहा गया है। बता दें कि इस डील को चीन की दो परियोजनाओं-बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या (सीपीईसी) का जवाब माना जा रहा है। एक लिहाज से सीपीईसी को बीआरआई का ही हिस्सा माना जाता है।

ये आठ देश हैं डील का हिस्सा

बता दें कि आठ देश यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा हैं और इस डील के कई लाभ हैं। इसे 10 साल में कम्पलीट करने का लक्ष्य है। जो आठ देश यूरोप-मिडिल ईस्ट कॉरिडो का हिस्सा हैं उनमें भारत के अलावा यूनाइटेड अरब आॅफ अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन (एव), इटली, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका हैं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने पिछले दिनों इस डील की तरफ इशारा करते हुए कहा था, हो सकता है, जल्द ही कुछ और देश एक खास इकोनॉमिक डील का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा था कि इनमें से कुछ नाम आपको चौंका भी सकते हैं। भारत-यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर की डील के ऐलान के बाद प्रेसिडेंट बाइडेन, सऊदी क्राउन प्रिंस और मोदी काफी देर तक बातचीत करते देखे गए।

पीएम मोदी का पहल के लिए शुक्रिया : बाइडेन

पीएम मोदी ने कहा, भारत सरकार ने कनेक्टिविटी को सबसे ज्यादा अहमियत दी है और भारत-यूरोप-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर पर समझौता बेहद अहम है। उन्होंने कहा, ग्लोबल साउथ में कनेक्टिविटी गैप है। पीएम मोदी ने कहा, हम पहले इसे कम करना चाहते हैं और धीरे-धीरे इसे खत्म करने की कोशिश करेंगे। इससे नेक्स्ट जेनरेशन को फायदा होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, पीएम को इस पहल के लिए धन्यवाद। भारत ने जबरदस्त काम किया है। वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का सुझाव प्रधानमंत्री मोदी ने ही दिया था और यही इस जी 20 समिट का फोकस है।

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