Indian Chinese Army Disengagement, (आज समाज), नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए समझौते का असर दिखने लगा है। जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख से चीन व भारत की आर्मी पीछे हटना शुरू हो गई हैं। इसी सप्ताह सोमवार को दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) रेखा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर सहमति बनी है। दोनों देशों के कोर कमांडर ने अलसुबह फाइनल एग्रीमेंट पर दस्तखत किए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी दी थी
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देपसांग और डेमचोक से पीछे हट रही सेनाएं
जानकारी के अनुसार देपसांग और डेमचोक से चीन-भारत की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। नई दिल्ली व बीजिंग के बीच बनी सहमति के मुताबिक भारतीय सेना के जवानों ने अपने हथियार, गोला बारूद व वाहन पीछे हटा लिए हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों के सैन्यकर्मी उस बिंदू पर तैनात थे, जहां भारत और चीनी सेना के बीच वर्ष 2020 में बड़ी झड़प हुई थी और इस घटना के बाद से ही दोनों पक्षों में गतिरोध बना हुआ था। कई दौरे की बैठकों के बावजूद तनातनी बरकरार थी।
शुक्रवार से पीछे हटना शुरू हुई भारतीय सेना
रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय सेना शुक्रवार से पीछे हटना शुरू हुई हैं और सैन्यकर्मियों ने टेंट, शेड व कुछ टेंपरेरी तौर पर बनाए ढांचे हटा दिए हैं। बताया गया है कि सीमा से पूरी तरह हटने में अभी टाइम लगेगा। सैन्य सूत्रों के अनुसार जब दोनों देशों की आर्मी पहले वाले बिंदू लौट आएंगी तब उसके बाद पेट्रोलिंग यानी गश्त शुरू होगी।
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जिनपिंग-मोदी के बीच हुई थी द्विपक्षीय बातचीत
हाल ही में पेट्रोलिंग सिस्टम पर हुए समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बातचीत भी हुई थी। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक 5 साल बाद हुई थी। एस जयशंकर ने पेट्रोलिंग पर बनी सहमति को लेकर 21 अक्टूबर को कहा था कि भारत व चीन के बीच सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है और इसके तहत मई-2020 में हुई गलवान झड़प से पहले की स्थिति में सेनाएं लौट आएंगी।
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