
Aaj Samaj (आज समाज), India Bharat Sanatan Dharma Row, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और इंडिया विवाद के साथ ही तमिलनाडू के मुख्यमंत्री व डीएमके नेता एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा हाल ही में सनातन धर्म पर की गई अनर्गल बयानबाजी पर किसी तरह की प्रतिक्रिया को लेकर केंद्रीय मंत्रियों को खास हिदायत दी है। बुधवार को आयोजित पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रीपरिषद की बैठक में पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वे भारत बनाम इंडिया विवाद पर कुछ न बोलें। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से सनातन धर्म पर तथ्यों के साथ बात करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह उदयनिधि के बयान पर भी सही तरीके से जवाब दें।
यह है इंडिया-भारत विवाद का कारण
दरअसल, नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के बाद रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति भवन के इन्विटेशन कार्ड पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट आफ भारत’ के तौर पर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों ‘इंडिया’ और ‘भारत’ में से ‘इंडिया’ को बदलना चाहती हैं।
उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर की है विवादित टिप्पणी
दो सितंबर को उदयनिधि ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण और डेंगू-मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी, जिसको लेकर देशभर में निंदा की जा रही है। उदयनिधि ने यह भी कहा था कि सनातन धर्म लोगों को धर्म और जाति के आधार पर विभाजित करता है और इसका समूल नाश दरअसल मानवता और समानता को बनाए रखने के हित में होगा।
जी-20 पर केवल अधिकृत व्यक्ति बोलें
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रीपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को जी-20 सम्मेलन पर भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई भी मंत्री जी-20 की बैठक पर न बोलें। बैठक के दौरान जी20 पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया, जिसमें जी-20 समिति में 2 दिन तक होने वाले सभी ईवेंट के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही जी-20 ऐप को सभी मंत्रियों से डाउनलोड करने के लिए बोला गया है। साथ विदेशी मेहमानों को रिसीव करने के लिए सभी केन्द्रीय मंत्रियों को जिÞम्मेदारी सौंपी गई है।
9 से 10 सितंबर को दिल्ली में 20 शिखर सम्मेलन आयोजित
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके अलावा बस पूल इस्तेमाल करने की भी विशेष हिदायत दी है। सूत्रों ने बताया कि पीएम ने कहा है कि 9 तारीख को आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लेने वाले मंत्री अपनी गाड़ियों से संसद भवन परिसर पहुंचे और बसों में बैठकर वेन्यू तक जाएं। साथ ही रात्रिभोज में आमंत्रित मुख्यमंत्री भी अपने काफिले के साथ संसद भवन परिसर पहुंचेंगे और वहां से बसों में बैठकर ही जाएंगे। रात्रिभोज के लिए मंत्रियों और मुख्यमंत्री को संसद भवन परिसर में शाम 5:50 तक पहुंचना होगा और 6:30 बजे तक वेन्यू पहुंच जाना होगा। बता दें कि भारत की अध्यक्षता में 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष भाग ले रहे हैं। 9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी-20 रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा।
जी20 : पांच स्तरीय सुरक्षा घेरे में हर 100 मीटर पर तैनात रहेंगे कमांडो
जी20 सम्मेलन के लिए जो सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है, वह बिल्कुल हिंदी मूवी ‘बाहुबली’ की ‘महिष्मती’ जैसा है। परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। पांच स्तरीय सुरक्षा घेरे में हर 100 मीटर पर कमांडो तैनात रहेंगे। साथ ही एयरपोर्ट से होटल तक विशेष ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है। होटल से प्रगति मैदान स्थित आयोजन स्थल तक के रूट और दूसरी जगहों के लिए एनएसजी कमांडो, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के दस्ते तैनात किए गए हैं। कुछ जगहों पर सेना के जवान भी तैयारी की मुद्रा में रहेंगे। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जवानों को उन रूटों पर तैनात किया गया है, जहां से जी20 में आने वाले राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों का काफिला गुजरेगा। ड्रोन हमले को नाकाम बनाने के लिए विशेष शूटर तैनात किए गए हैं।
प्रगति मैदान में 4500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी
प्रगति मैदान में दिल्ली पुलिस के साढ़े चार हजार जवान तैनात रहेंगे। खास बात ये है कि इनमें से कोई भी वर्दी में नहीं होगा। वे सभी जवान सूट बूट में होंगे और उनकी आंखों पर काला चश्मा रहेगा। इन जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 1300 जवानों को प्रगति मैदान के बाहर तैनात करने की योजना बनाई है।
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