Aaj Samaj (आज समाज), India Bangladesh Three Key Projects, नई दिल्ली/ढाका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भारतीय सहायता प्राप्त तीन विकास परियोजनाओं का संयुक्त रूप से ‘श्री गणेश’ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शेख हसीना ने कहा, मैं हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने की पीएम मोदी की प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त करती हूं।
- दोस्ती के बंधन को मजबूत करने के लिए आभार : शेख हसीना
नई ऊंचाइयां छू रहे भारत-बांग्लादेश के संबंध : मोदी
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ये बहुत खुशी की बात है कि हम एक बार फिर भारत-बांग्लादेश की सफलता मनाने के लिए एक साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा, हमारे संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। भारत में 2014 के बाद से 9 वर्षों में जितना काम किया गया है, उतना कई दशकों में नहीं हुआ। जिन तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें अखौरा-अगरतला क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और बांग्लादेश के रामपाल में मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट का दूसरा यूनिट शामिल है।
परियोजनाओं के बेनिफिट
1.अगरतला-अखौरा रेल लिंक से बढ़ेगा सीमा पार व्यापार
अगरतला-अखौरा क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक 15 किमीटर लंबा (भारत में 5 किमी और बांग्लादेश में 10 किमी) है। यह सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देगा। इससे बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रास्ते अगरतला से कोलकाता आने-जाने में लगने वाला समय भी कम होगा। वर्तमान में ट्रेन को अगरतला से कोलकाता पहुंचने में करीब 31 घंटे लगते हैं, जो अब घटकर 21 घंटे हो जाएंगे। इसमें बांग्लादेश में 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी के साथ रेल लिंक की लंबाई 12.24 किमी है। इसके चलते सीमा पार व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
2.दूसरी अहम परियोजना मोंगला रेल लाइन के मायने
दूसरी अहम खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना भारत सरकार की रियायती कर्ज सुविधा के तहत 388.92 मिलियन डॉलर की लागत से परियोजना पूरी की गई है। इसमें मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच लगभग 65 किमी ब्रॉड-गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इससे बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड-गेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
3.मैत्री सुपर थर्मल पावर से बांग्लादेश में बढ़ेगी ऊर्जा सुरक्षा
तीसरी मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना के लिए बांग्लादेश को भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना ऋण के तहत 1.6 अरब डॉलर मिला है। यह भारत की एनटीपीसी और बांग्लादेश की बीपीडीबी के बीच 50-50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है। बिजली संयंत्र के पूर्ण संचालन से बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी।
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