India-US Trade Agreement : भारत और अमेरिका में जल्द होगा द्विपक्षीय व्यापार समझौता

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India-US Trade Agreement : भारत और अमेरिका में जल्द होगा द्विपक्षीय व्यापार समझौता
India-US Trade Agreement : भारत और अमेरिका में जल्द होगा द्विपक्षीय व्यापार समझौता

अमेरिकी दौरे पर पहुंची वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत के दौरान की घोषणा

India-US Trade Agreement (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ जहां पूरा विश्व अमेरिका द्वारा लागू की गई नई टैरिफ नीति से भविष्य में उत्पन्न होने वाले खतरों से लेकर सहमा हुआ है वहीं भारत का ध्यान अमेरिका से इस साल के अंत तक होने वाले अहम व्यापार समझौते पर है। इसी समझौते पर विस्तार से बात करते हुए भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार को नई बुलंदी पर लेकर जाएगा और इस समझौते का पहला चरण जल्द पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि टैरिफ नीति से इसपर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं होगा। आपको बता दें की अमेरिका ने विश्व के अन्य प्रमुख देशों के साथ-साथ भारत पर भी दो अप्रैल को नई टैरिफ दरों की घोषणा की थी लेकिन बाद में 9 अप्रैल को भारत सहित अन्य करीब 75 देशों के खिलाफ इस टैरिफ पर 90 दिन के लिए अस्थाई रोक लगा दी थी।

व्यापार समझौते को लेकर यह बोलीं वित्त मंत्री

भारत अमेरिका के नए प्रशासन के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है और उसे उम्मीद है कि इस साल सितंबर-अक्तूबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण सकारात्मक रूप से पूरा हो जाएगा। अमेरिका दौर पर गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान सीतारमण ने कहा कि हम उन देशों में से एक हैं जो अमेरिका के नए प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैंद्विपक्षीय व्यापार समझौतों को मुकाम पर पहुंचा सकते हैं।

इस साल के शुरू में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाशिंगटन की ओर से पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने की आशंका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू करने पर सहमति दी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने यहां सरकार के साथ बातचीत को जो प्राथमिकता दी है, वह फरवरी में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान हुई बातचीत के अनुरूप है।। वाणिज्य और व्यापार मंत्री यहां आए थे। मैं यहां इसलिए गई हूं क्योंकि मुझे आईएमएफ और विश्व बैंक के साथ भी बैठक करनी है।

भारत को विकसित देश बनाने के लिए साहसिक सुधारों की जरूरत

वित्त मंत्री ने कहा कि आगे बढ़ते हुए, भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों और बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप अनुकूलनीय रणनीतियों के नए दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों, मजबूत घरेलू क्षमताओं, नई संस्थागत साझेदारियों और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है। इस साल देश ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा।

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