India Pakistan Partition : 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की 200 सालों की गुलामी से आजाद हुआ था. हालांकि, ये आजादी मुल्क के बंटवारे का जख्म लेकर भी आई थी. भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ जमीन नहीं बल्कि रेलवे का भी बंटवारा हुआ था.
बर्मा चली गई थी दो हजार मील रेलवे लाइन
साल 1947 तक भारत के रेलवे मार्ग की कुल लंबाई 41700 मील थी. 1937 में जब बर्मा भारत से अलग हुआ तो दो हजार मील रेलवे लाइन बर्मा चली गई थी.
पाकिस्तान चली गई 7112 मील लंबी रेल लाइन
1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो लगभग 7112 मील लंबी रेल लाइन पाकिस्तान के हिस्से में चली गई थी. साथ ही 150 करोड़ रुपए की विनयोग पूंजी भी पाकिस्तान के हिस्से में चली गई थी.
सात लाख लोग हुए थे सरहद के आर-पार
बंटवारे का दंश सबसे ज्यादा रेलवे ने झेला था. कुल सात लाख लोग रेलवे के जरिए सरहद के इस पार और उस पार गए थे.
1 लाख 26 हजार रेल कर्मी पाक से आए थे भारत
बंटवारे के समय लगभग 1 लाख 26 हजार रेलकर्मियों ने पाकिस्तान से भारत आने का फैसला किया था. साथ ही एक लाख चार हजार कर्मी ने भारत में ही नौकरी की थी.
लाहौर से बनकर भारत आते थे उपकरण
विभाजन के बाद रेलवे डिविजन की वर्कशॉप पाकिस्तान चली गई थी. इसके बाद दोनों देश ने फैसला किया था कि रेलवे वर्कशॉप दोनों ही देश करेंगे. लाहौर के मुगलपुरा स्थित वर्कशॉप से बनकर भारत आते थे. भारत के कांचरपारा से डिब्बे बनकर पाक जाते थे.