Increased Heartbeat
आज समाज डिजिटल, अम्बाला :
Increased Heartbeat : अगर आपका दिल की धड़कने बढ़ती है तो सावधान हो जाईये । धड़कनों का बढ़ना कोरोना संक्रमण का भी संकेत हो सकता है । इसके लिए डाक्टर से तुरंत सलाह लें । दुनिया के कई हिस्सों से कोरोना संक्रमण बढ़ने को लेकर आ रही खबरें चिंता बढ़ाने वाली हैं। चीन सहित यूरोप के कई देशों में रोजाना के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है, कई शहरों में लॉकडाउन का भी ऐलान कर दिया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस तरह के ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है, ऐसे में सभी देशों को अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है। कोरोना का यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप से अधिक संक्रामक हो सकता है, साथ ही इसमें कुछ ऐसे म्यूटेशन भी देखे गए हैं जो इसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से आसानी से बचने के योग्य बनाते हैं।
दिसंबर 2021 में पहली बार स्टील्थ ओमिक्रॉन की पहचान की गई थी। अध्ययनों के मुताबिक सेलुलर स्पाइक प्रोटीन संरचना में अंतर के कारण यह पिछले वैरिएंट्स से अलग है और इसका आसानी से पता लगा पाना भी कठिन हो सकता है। शोधकतार्ओं ने कुछ लक्षणों के बारे में बताया है जिसके आधार पर इस वैरिएंट से संक्रमण की पहचान की जा सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोरोना संक्रमण में हृदय से संबंधित समस्याएं
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (बीएचएफ) की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वैसे तो एक श्वसन रोग है, हालांकि स्टील्थ ओमिक्रॉन के कारण संक्रमितों को हृदय से संबंधित लक्षण भी देखे जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह संक्रमण शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। ओमिक्रॉन (इअ.2) संक्रमितों के हृदय गति में वृद्धि एक सामान्य लक्षण के तौर पर देखा जा रहा है, इसको लेकर लोगों को विशेष अलर्ट रहने की आवश्यकता
संक्रमितों में हृदय गति बढ़ने की समस्या
कोरोना संक्रमण के कारण बुखार और सूजन की स्थिति के परिणामस्वरूप हृदय तेजी से धड़कना शुरू कर देता है। इस स्थिति में संक्रमण से मुकाबले के लिए पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसके कारण लोगों को हृदय गति बढ़ने से संबंधित लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
इतना ही नहीं कुछ रोगियों ने कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी दिल की धड़कन बढ़े रहने की शिकायत की है। बीएचएफ शोधकतार्ओं के अनुसार संक्रमितों को इसके अलावा अगर चक्कर आने और सीने में दर्द की समस्या होती है तो उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
स्टील्थ ओमिक्रॉन के लक्षण क्या हैं?
शोधकतार्ओं का कहना है कि स्टील्थ ओमिक्रॉन के कारण भी लोगों में ओमिक्रॉन के मूल वैरिएंट जैसे लक्षणों का ही अनुभव हो रहा है। संक्रमितों को छींक आने, थकान, गले में खरोंच जैसा दर्द, मांसपेशियों और सिर में दर्द की समस्याओं का अनुभव हो सकता है। कुछ लोगों में त्वचा के चकत्ते, उल्टी होने, बेहोशी और रात में अधिक पसीना आने की भी समस्या हो सकती है। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमण के कारण हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह
भारत में तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन के इअ.1 के मामले देखे गए थे, स्टील्थ ओमिक्रॉन के मामले अधिक नहीं थे। हालांकि जिस तरह से अन्य देशों में संक्रमण की तेज रफ्तार देखी जा रही है, ऐसे में यह भारत के लिए भी अलार्मिंग है। प्रसार को रोकने और कोरोना से बचाव के लिए सभी लोगों को लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहना चाहिए।
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