इशिका ठाकुर,करनाल:
फसल अवशेषों में आग लगाने की घटनाओं में गत वर्ष शीर्ष पर रहने के दाग को करनाल जिला ने धोया, जिला में अब तक 117 एक्टिव फायर लोकेशन, जबकि गत वर्ष इस अवधि में थी 396, सबसे कम आग लगने की घटनाओं में करनाल जिला प्रदेश में तीसरे पायदान पर-अनीश यादव, उपायुक्त।
आग लगने की घटनाओं में 50 प्रतिशत तक की कमी
फसल अवशेषों (पराली) में आग लगाने की घटनाओं में गत वर्ष पूरे प्रदेश में शीर्ष पर रहने से लगे दाग को इस बार करनाल जिला ने काफी हद तक धो दिया है। आकंड़ों के अनुसार अब तक जिला में 117 एक्टिव फायर लोकेशन मिली हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि में इनकी संख्या 396 थी, अर्थात आग लगने की घटनाएं 70 प्रतिशत तक घटी हैं। उपलब्धि की बात करें तो सबसे कम आग लगने की घटनाओं में जिला तीसरे पायदान पर है। सरकार की ओर से दिए गए लक्ष्यों की बात करें, तो इस वर्ष पराली में आग लगने की घटनाओं में 50 प्रतिशत तक कमी करने को कहा गया है। उपायुक्त अनीश यादव ने शुक्रवार को मुख्य सचिव हरियाणा संजीव कौशल के साथ हुई एक विडियो काँफ्रैंसिंग में यह जानकारी दी।
धान कटाई का काम 85 प्रतिशत हुआ पूरा
कैसे हुआ यह सब- उपायुक्त ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में फसल अवशेषों में आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए माइक्रो लेवल प्लान बनाकर ग्राम स्तर से लेकर उपमण्डल स्तर तक अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त ऐसे किसान जिन्होंने गत वर्ष पराली में आग लगाई थी, उनसे निजी सम्पर्क कर इस बार आग न लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह प्लान कारगार सिद्ध हो रहा है।
जिला में धान कटाई का काम 85 प्रतिशत हुआ पूरा- वीसी में उपायुक्त ने बताया कि करनाल प्रदेश का मुख्य धान उत्पादक जिला है। अब तक इसमें करीब 85 प्रतिशत धान कटाई का काम पूरा हो चुका है और किसान रबी फसल की बिजाई को लेकर जद्धोजहद यानि जल्दबाजी में लगे हैं। सम्भवत: इसी सोच को लेकर वे पराली में आग लगा देते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता ओर बढ़ा दी गई है, ताकि आग लगाने के मामलो में इजाफा न हो।
सांसों को स्वस्थ रखने के लिए प्रदूषण से बचाना जरूरी
शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 95- उपायुक्त ने बताया कि शुक्रवार को कर्ण नगरी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 95 पर रहा, 100 तक यह माड्रेट यानि अनुकूल माना जाता है, जबकि 150 और उससे ऊपर 200 तक यह खराब की स्थिति में हो जाता है। पड़ौसी जिला पानीपत में एक्यूआई 190, अंबाला में 173, सोनीपत में 176 और दिल्ली में 250 बताया गया। इसके लिए उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से की जा रही एन्फोर्समेंट के चलते उन्हें शाबाशी दी और कहा कि त्यौहार के दृष्टिगत अगले करीब 4 दिन अति संवेदनशील हैं। एक्यूआई न बढ़े, इस पर फोकस रखना होगा, क्योंकि सांसों को स्वस्थ रखने के लिए प्रदूषण से बचाना जरूरी है। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि वे ग्रीन पटाखों की दीवाली मनाएं। सरकार की ओर से भी हानिकारक और प्रदूषण फैलाने वाली आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है, नागरिक इसका पालन करें। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीमें, अनाधिकृत रूप से ब्रिकी करने वाली हानिकारक आतिशबाजी की धरपकड़ और जुर्माने के लिए गश्त करेंगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से उद्योगों पर चैकिंग
मुख्य सचिव ने दिए निर्देश, उद्योगों पर रखें नजर-वीसी में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि कई जिलो में एक्यूआई 100 से अधिक है, इसे देखते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से उद्योगों पर चैकिंग रखी जाए। इसके लिए अधिकारियों की टीमें बनाएं और ग्रैप यानि ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अगले कुछ दिनो के लिए जींद, कैथल, कुरूक्षेत्र और करनाल में स्टबल बर्निंग के मामले बढऩे से रोकने और एक्यूआई मोड्रेट से ऊपर नहीं जाने देना है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन उद्योगों में जेनरेटर सेट का 50 प्रतिशत से ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, उस पर सख्ती से कार्रवाई करें।
केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष ने दिए निर्देश- केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष एमएम कुट्टी ने वीसी से जुडक़र निर्देश दिए कि करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल और यमुनानगर में फसल अवशेषो में आग लगाने की घटनाएं तुलनात्मक दृष्टि से कम हुई हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन अगले दिनो में ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले डीजी सेटों पर भी एन्फोर्समेंट बढ़ाएं।
कृषि विभाग हरियाणा की एसीएस सुमिता मिश्रा ने दी जानकारी- वीसी में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बढ़ी संख्या में इनसीटू और एक्ससीटू मशीनो की उपलब्धता करवाई गई है। सरकार की ओर से एक्ससीटू यानि पराली को खेत से बाहर निकालने या उसके बंडल बनवाने के लिए एक हजार रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
पटाखों की ब्रिकी पर भी प्रतिबंध
एचपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने दी जानकारी- हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने जानकारी दी कि उद्योंगों में निगरानी के लिए टीमें बना दी गई हैं, वैसे उद्योगों में पावर सप्लाई पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दीवाली के दृष्टिगत शहर के नमस्ते चौक और इन्द्री में एक्यूआई के सैम्पल लेने के लिए दो स्टेशन बना दिए गए हैं, इन स्टेशनों पर हवा में मौजूद डस्ट यानि मिट्टी के कणों का पता लगाया जा सकेगा। दूसरी ओर पटाखों की ब्रिकी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि एफ.एम. रेडियो के जरिए शहर की जनता को पटाखे न जलाने के लिए संदेश प्रसारित किया जा रहा है। जनता दीवाली पर प्रदूषण से एहतियात बरतें, इसके लिए एचपीसीबी के अधिकारी एफ.एम. के जरिए साक्षात्कार देकर जनता को प्रदूषण के नुकसान बारे बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन उद्योंगों में डीजी सेट 2 घण्टे चलाए जा रहे थे, उन्हें एक घंटा चलाने के लिए कहा गया है और निर्देश दिए गए हैं कि डीजी पर रेट्रोफिट कंट्रोल डिवाईस (आरटीसीडी) लगी हो। अस्पतालों में मौजूद एम्बूलेंस में लगे जेनरेटर सेट पर भी आरटीसीडी लगाने के निर्देश दिए गए है।
वीसी में उप कृषि निदेशक डॉ आदित्य डबास भी मौजूद रहे।
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