In the lockdown, hands became faces, make-up is going on: लाॅकडाउन में हाथ ही बन गए चेहरा, खूब हो रहा मेकअप

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 गाजियाबाद। लाॅकडाउन में फेस मास्क से लाॅक हो गया तो क्या, हाथ तो ओपन हैं। फेस की बजाय हाथ का ही मेकअप करके उनकी खूबसरती को तो बढाया ही जा सकता है। काॅस्मोटलाॅजी का कोर्स कर रही छात्राएं भी इन दिनों यही कर रही हैं। घर बैठीं वे अपने हुनर का प्रदर्शन अपने ही हाथों पर कर रही हैं। इंटरनेशनल वूमेन पाॅलिटेक्नीक की संचालक खुशबू अरोडा बताती हैं कि हाथ पर मेकअप करने का यह फायदा भी है कि इससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी हो जाता है। फेस पर मेकअप करते समय दूरी बनाकर रखना संभव नहीं है। यही कारण है कि शहर की ऐसी स्टूडेंट जो मेकअप में अपना करियर बनाना चाहती हैं, उनमें इन दिनों हाथ पर मेकअप कर अपने हुनर को दिखाने का चलन बढ रहा है।

इंटरनेशनल वूमेन पाॅलिटेक्नीक की काॅस्मोटलाॅजी स्टूडेंट हिमांजली बताती हैं कि लाॅकडाउन में किसी को बुलाकर उसके चेहरे पर मेकअप करना संभव नहीं, क्योंकि इससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो सकता है। इसीलिए सोचा कि क्यों ना अपने हाथ को ही चेहरा बना लिया जाए। बस कलर, ब्रुश, स्पाकलर्स आदि लिए और अपने हाथ पर ही चेहरा, आंख आदि बनाने की प्रैक्टिस करने लगी। चेहरा बनाने में जहां 30 से 40 मिनट लगते हैं, वहीं आंख 20 से 25 मिनट में बन जाती है। अपने इस हुनर को मैंने फेसबुक, व्हाटसअप व इंस्टाग्राम पर दिखाया तो इसे काफी पसंद किया गया।
राजनगर एक्सटेंशन निवासी दीक्षा कुमार भी काॅस्मोटलाॅजी का ही कोर्स कर रही हैं और वे भी इन दिनों अपने हाथ पर ही मेकअप कर रही हैं। दीक्षा बताती हैं कि मम्मी घर के कामों में बिजी रहती हैं। आस-पडौस से भी इन दिनों किसी को नहीं बुलाया जा सकता है। ऐसे में एक ही आॅप्शन अपने हाथ पर मेकअप करने का रह जाता है। हाथ पर मेकअप करने का यह फायदा भी है कि इसमें कोई कमी रह जाने पर उसका पता भी चल जाता है। साथ ही उसकी सुंदरता भी बढ जाती है। मैंने अपने हाथ पर मेकअप किया तो घर तो सभी को पसंद आया। मैंने फेसबुक व व्हाटसअप पर जुडी अपनी फ्रैंडस को भेजा तो उनमें से कई ने तो मुझसे हाथ पर मेकअप करने के टिप्स भी लिए।