In ‘SAMNA SAWALO KA’ Haryana State BJP President Subhash Barala, with ITV Network’s Editor-in-Chief, Multi Media Ajay Shukla: जन विश्वास के आधार पर हम 75 प्लस हैं : सुभाष बराला

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अंबाला। भारतीय जनता पार्टी की शतत् यात्रा 1951 में जनसंघ से शुरू हुई थी। इसके बाद से भाजपा बनने से लेकर अब तक जो चली है उसमें भारतीय जनता पार्टी में पार्टी के नाते व्यवहार, कार्यकर्ता और हमारे नेताओं का व्यवहार इसे हम सुनिश्चित करके चले हैं। भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में लगा और जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला। यही कारण रहा कि हम हरियाणा की दस की दस सीट जीते। जनता ने पहले से अपना माइंड सेट कर रखा था,भारतीय जनता पार्टी का हमारे बूथ स्तर के संगठन और सरकार के बीच तालमेल बैठाते हुए हम जनता की स्वीकार्यता को ध्यान में रखते हुए भाजपा को वोट करने वाले मतदाता को पोलिंग बूथ तक लेकर आए, यह काम हमारे संगठन ने बखूबी किया। जनता और भाजपा ने मिलकर यह दस सीट जीतने का गणित बैठाया। हमारे संगठन की जो ताकत है और जनता का विश्वास जो मिला है उसके आधार पर हम कहते हैं कि 75 प्लस। हमें जनता पर विश्वास है और हमारे कार्यकर्ता की मेहनत में पूरा भरोसा है।  सुभाष बराला, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष इंडिया न्यूज हरियाणा पर सामना सवालों का में आईटीवी नेटवर्क के प्रधान संपादक मल्टी मीडिया अजय शुक्ल के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। प्रस्तुत हैं सवाल और जवाब के प्रमुख अंश।

सवाल: अभी हाल के दिनों में बड़ी जीत अर्जित करके आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी दस सीट पर जीत हासिल की है। इस जीत में क्या कोई खेल है या फिर जनता का समर्थन।
जवाब: मैं एक ही बात कहना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। हम अपनी पार्टी की नीतियों को लेकर जनता के बीच में जाते हैं। जो सरकार आज से पांच साल पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी थी, जिस प्रकार से सरकार ने काम किए, और हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश में जो जनहित और विकास के कार्य किए इन दोनों सरकारों ने जनता का दिल जीतने का काम किया। जनता के अंदर जो स्वीकार्यता बनी हमने संगठन के माध्यम से जनता के उस स्वीकार्यता को वोट में परिवर्तित किया। भारतीय जनता पार्टी का एक एक कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में लगा और जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला यही कारण रहा कि हम हरियाणा की दस की दस सीटें जीते। जैसा कि लोकसभा चुनाव से पहले मीडिया जब सवाल करती थी कि आप हरियाणा में कितनी सीटें जीत रहें हैं, तो हम साफ कहते थे कि दस की दस सीट भाजपा के खाते में आएगी।

सवाल: यही कारण था कि हमने सवाल पूछा कि जब केंद्र में भाजपा के तमाम नेताओं से बात होती थी तो कोई 303 तो कोई 300 प्लस बता रहा था। हरियाणा की बात करते थे तो दस की दस बता रहे थे। इससे लोगों (आपके विरोधी) के मन में एक सवाल उठा कि आपने यह गणित कहीं पहले से तो सेट नहीं कर रखा था।
जवाब: गणित कभी पहले सेट नहीं होता। यह ऐसा गणित तो है नहीं कि कहीं किसी कैल्कुलेशन को सेट करना है। जनता का जो माइंड सेट है वह जरूर था। जनता ने पहले से अपना माइंड सेट कर रखा था,भारतीय जनता पार्टी का हमारे बूथ स्तर के संगठन और सरकार के बीच तालमेल बैठाते हुए हम जनता की स्वीकार्यता को ध्यान में रखते हुए भाजपा को वोट करने वाले मतदाता को पोलिंग बूथ तक लेकर आए, यह काम हमारे संगठन ने बखूबी किया। जनता और भाजपा ने मिलकर यह दस सीट जीतने का गणित बैठाया।

सवाल: आपको जब जिम्मेदारी मिली तो पार्टी जिस स्थिति में थी और वर्तमान में जिस मुकाम में है, जैसा कि आज कहते हैं भारतीय जनता पार्टी के सामने और कोई पार्टी नहीं है। ऐसा आपने किसी ट्रिक से खत्म कर दिया या फिर जनता ने नकार दिया।
जवाब: एक तो जनता ने नकार दिया और भारतीय जनता पार्टी का एक शतत् प्रयास रहा। भारतीय जनता पार्टी की शतत् यात्रा 1951 में जनसंघ से शुरू हुई थी। इसके बाद से भाजपा बनने से लेकर अब तक जो चली है उसमें भारतीय जनता पार्टी में पार्टी के नाते व्यवहार, कार्यकर्ता और हमारे नेताओं का व्यवहार इसे हम सुनिश्चित करके चले हैं। यह कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है, यह लगातार कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। आज ऐसा एक माहौल बना है कि चहुंओर भारतीय जनता पार्टी ही दिखाई देती है। भाजपा से पहले जो दल जिस प्रकार से निरंकुशता के साथ काम किया, यह सभी फैक्टर है भाजपा को रिकॉर्ड जीत सुनिश्चित कराने के लिए।

सवाल: अभी हाल के दिनों में दुष्यंत चौटाला (इंडिया न्यूज हरियाणा के स्टूडियो में) हमारे पास आए थे, उस दौरान चर्चा में उन्होंने कहा कि आप नौकरियां तो गिनाते हैं जो आंकड़ा है वह फ्रॉड पर आधारित है। आज उसपर श्वेत-पत्र लाना चाहिए, अब अधिकतर नौकरी छोड़ते घूम रहे हैं। इस तरह से आपने एक भ्रम पैदा किया है।
जवाब: एक बात दुष्यंत चौटाला को समझ लेनी चाहिए कि सरकार पद विज्ञाप्ति करती है और आम आदमी उसके लिए जो खुद को योग्यता पूरी करता है वहीं व्यक्ति आवेदन करता है। किसी कमीशन ने जाकर जबरन किसी को कहा नहीं, कि आप फार्म भरिए हम नौकरी देंगे। व्यक्ति विशेष जो नौकरी के अंदर लगा है और   आवेदन करके टेस्ट दिया। सरकार ने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की।

सवाल: उन्होंने (दुष्यंत चौटाला) एक बात और कही कि स्टॉफ सलेक्शन कमीशन के कुछ अधिकारी इस प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त थे, वह पकड़े गए बावजूद इसके आपने कोई कार्रवाई नहीं की।
जवाब: अब कोई एमफिल या डॉक्टर डी ग्रुप में जाता है तो कमीशन उसको बाहर रख सकता है क्या। दुष्यंत चौटाला सांसद रहे हैं इस तरह की बच्चों जैसी बात उन्हें शोभा नहीं देती। अब तो एक पार्टी के मुखिया भी है। ऐसा हरियाणा में पहली बार हुआ कि इस तरह के लोग माहौल पैदा करके लोगों को ठगने का किया कि हम आपको नौकरी दिलाएंगे, लेकिन वह नौकरी दिलाने की औपचारिकता तक नहीं पहुंच पाए। इस तरह का प्रयास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना हरियाणा में पहली बार
हुआ है।

सवाल: ऐसा कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रतिद्वंदी पार्टियों को खत्म करने पर तुली है।  इनेलो को तोड़कर आपने लगभग-लगभग अपने में मिलाने का काम किया। अब कांग्रेस पार्टी के तमाम लोगों से चल रहा है वह भी जल्द ही आपके साथ होंगे। क्या यहां से आपने विपक्ष को खत्म करने का बीड़ा
उठाया है।
जवाब: हमने किसी को खत्म करने का बीड़ा नहीं उठाया है। हमने बीड़ा उठाया है कि भारतीय जनता पार्टी को और मजबूत करने का। समाज के सभी वर्ग में भारतीय जनता पार्टी की स्वीकार्यता हो। अगर हम चुनाव की दृष्टि से बात करें तो हर दृष्टिकोण से भारतीय जनता पार्टी जीतकर आई है। चुनाव जीतकर हम जो सत्ता प्राप्त करें, वह सत्ता अपने लाभ के लिए नहीं बल्कि जनता के लाभ और भले के लिए उपयोग करें। यही लक्ष्य लेकर भारतीय जनता पार्टी चलती है। हमारे लिए पहले देश, फिर पार्टी और उसके बाद व्यक्ति है। अगर यह काम करते करते यदि कोई पार्टी खत्म होती है तो जो कल होनी थी आज हो जाए। हम केवल सत्ता प्राप्त करके जनता के भले के लिए काम करते हैं।

सवाल: अभी रोहतक में दो दिन तक जो मंथन चला, इन सबके बात क्या यह लगता है कि रणनीति ही जीत का आधार होना चाहिए या जनता के बीच जाकर उन्हें (जनता को) जोड़कर जीत होनी चाहिए।
जवाब: इसमें दो नहीं बल्कि तीसरी भी बात है। हमने कहा कि हम सत्ता चाहते हैं, सत्ता अपने लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए चाहते हैं। इसीलिए लोग भारतीय जनता पार्टी में आ रहे हैं कि हम अच्छा काम कर रहें हैं। चाहे वह कोई स्थानीय नेता अथवा विधायक, पूर्व विधायक, सांसद या फिर पूर्व सांसद ही क्यों न हो। जो लोग भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को स्वीकार कर रहें हैं हम उनको पार्टी में शामिल करा रहें हैं। जो जनता का भला चाहते हैं वह हमारे साथ आए और मजबूती के साथ खड़े हों। अब कुछ दिनों के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री जनता के बीच यात्रा लेकर जाएंगे। पौने पांच साल के कार्यकाल में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता और खुद मुख्यमंत्री जनता के
बीच पहुंचे हैं।

सवाल: जहां पर लोगों (दूसरे दलों का कहना हैं) कहते हैं कि लोकसभा चुनाव हुआ वह मोदी के चेहरे पर जीता गया। इस पर दुष्यंत चौटाला कहना था कि लोकसभा चुनाव मोदी के नाम पर जीता गया था और उनके विपक्ष में कोई इतना बड़ा नेता नहीं था। इसलिए लोकसभा चुनाव में वह जीत हासिल कर सके। अब विधानसभा का चुनाव है, विस चुनाव में जो मुद्दे होंगे वह स्थानीय होंगे और उन मुद्दों में आपके हाथ में विफलता है।
जवाब: अगर हम उनकी (दुष्यंत चौटाला) की बात को  ठीक मानें तो लोकसभा चुनाव तक तो आमजन भी हमारे साथ जुड़ रहा था, उनकी और कांग्रेस पार्टी के विधायक हमारे साथ आ रहे थे तो क्या कारण है। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी तो प्रधानमंत्री बन गए, उसके बाद अब तक इनेलो, जजपा और कांग्रेस पार्टी के विधायक अब भारतीय जनता पार्टी में क्यों आना चाह रहे हैं। अगर हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के प्रति लोगों का स्नेह न होता तो लोग हजारों की संख्या में क्यों आएगे। दुष्यंत जी को आंख खोलकर देख लेना चाहिए।

सवाल: आप के यहां (भाजपा में) कहा जा रहा था कि 75 प्लस, तो 75 प्लस के फारमूले को पाने के लिए आपने क्या रणनीति तैयार की है। या फिर यह सिर्फ एक शगूफा रहेगा।
जवाब: कोई शगूफा नहीं है। डरे हुए तो वह लोग हैं जो गलत काम किए हैं। आम आदमी या विरोधी दल जो जनता के बीच में ठीक ढंग से काम करता है वह चाहे पक्ष में हो अथवा विपक्ष में कभी डरता नहीं है। हमारे संगठन की जो ताकत है और जनता का विश्वास जो मिला है उसके आधार पर हम कहते हैं कि 75 प्लस। हमें जनता पर विश्वास है और हमारे कार्यकर्ता की मेहनत में पूरा भरोसा है।

सवाल: जब आप सिद्धांतों यानी आरएसएस के उन पवित्र सिद्धांतों की बात करते हैं तो जिताउ प्रत्याशी के नाम पर उन दागदार लोगों को टिकट देते हैं, ऐसी स्थिति में आपके प्रति जो जनता की जो भावना आती है वह कहीं न कहीं आपको तकलीफ दे सकती है, क्या कहेंगे।
जवाब: कौन दागदार, किसको दागदार कहेंगे आप। एक भी दागदार व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी में नहीं है। जिसे भाजपा मुख्यधारा में लेकर आई हो। 2014 के लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में बहुत सारे लोग दूसरे दलों से भाजपा में आए। अब 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बहुत से लोग दूसरे दलों से आते जा रहे हैं। नेता और कार्यकर्ता के संयुक्त प्रयास से भाजपा की सरकार केंद्र और प्रदेश में बनी। हमारी सरकार ही है जो देश के किसी भी कोने में गरीब व्यक्ति है उसे 2022 तक अपना छत उपलब्ध कराएंगे। पांच लाख तक   इलाज उस परिवार को फ्री में देंगे, किसान को उसकी फसल का लाभकारी मूल्य देंगे। किसान की लागत कम हो इसके लिए प्रत्येक वर्ष छह हजार रुपए उसके खाते में केंद्र सरकार डालेगी। किसानों की फसल को पर्याप्त पानी मुहैया कराएंगे। मेरिट के आधार पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएंगे। पहली बात तो किसी दागदार व्यक्ति को साथ लेकर भाजपा नहीं चली। ऐसे में क्या कोई भाजपा नेता पर उंगली उठा सकता है।

सवाल: अब चुनाव को देखते हुए टिकट देने का दौर शुरू होगा। क्या आरएसएस और भाजपा के मापदंड पर खरे उतरने वाले को ही टिकट दिया जाएगा, या फिर जिनके व्यवहार अतीत में गलत रहे हैं उन्हें अस्वीकार करेंगे।
जवाब: जो आज भारतीय जनता पार्टी के अंदर है, जो पार्टी की नीतियों और विचारधाराओं को स्वीकार कर रहा है, जिसमें जनता का सेवा भाव हो और चुनाव जीत सकता हो, ऐसे लोगों पर पार्टी के शीर्ष नेता टिकट देने के लिए खुले मन से विचार करेंगे। लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट पर कई कार्यकर्ता दावेदार थे, फिर भी पार्टी ने दबाव में काम नहीं किया। जिसके अंदर पार्टी को लेकर आगे बढ़ने की क्षमता हो, ऐसे लोगों पर विचार करके हम टिकट वितरण करने वाले हैं।