नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव मामले में हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान अपनी पुरानी आदत की तरह भ्रम फैलाने में लगा हुआ ह। जबकि भारत ने इस पर स्थिति साफ कर दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे के फैसले पर कोई और अपील नहीं हो सकती है। यह भारत की बड़ी जीत है। कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे का फैसला भारत के रुख की पूरी तरह पुष्टि करता है। दूसरी तरफ पाकिस्तान की ओर सेअपनी जीत के दावे के बारे में रवीश कुमार ने कहा कि मुख्य फैसला पेज संख्या 42 पर है। अगर वे 42 पन्ने तक नहीं जा सकते हैं तो फिर उन्हें सात पन्नों वाली प्रेस रिलीज को पढ़ना चाहिए, जहां हर बात भारत के पक्ष में है। मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर रवीश कुमार ने कहा कि यह काफी समय से हो रहा है कि पहले गिरफ्तार करो, फिर छोड़ दो। मेरे हिसाब से यह ड्रामा अबतक आठ बार हो चुका है। सवाल यह है कि क्या इस बार यह एक कॉस्मेटिक कदम से ज्यादा होगा, क्या हाफिज सईद को उसकी आतंकवादी गतिविधियों के लिए सजा सुनाई जाएगी या नहीं। मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर रवीश कुमार ने कहा कि यह काफी समय से हो रहा है कि पहले गिरफ्तार करो, फिर छोड़ दो। मेरे हिसाब से यह ड्रामा अबतक आठ बार हो चुका है। सवाल यह है कि क्या इस बार यह एक कॉस्मेटिक कदम से ज्यादा होगा। इससे पहले संसद के दोनों सदनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी ओर से दिए गए एक बयान में जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने कौन्सुलर संबंधों पर वियना संधि के तहत प्रासंगिक दायित्वों का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के बारे में विलंब से बताया जिससे हम उन्हें कौन्सुलर सहायता मुहैया नहीं करा पाए। उन्होंने कहा ‘यह भी पाया गया कि पाकिस्तान ने भारत को जाधव से बातचीत करने, उनसे जेल में मिलने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से वंचित रखा।’