सट्टे में काफी रकम हार गया था हेड कांस्टेबल नरेंद्र, कर्ज उतारने के लिए संदीप का करवाया था अपहरण
Karnal News (आज समाज) करनाल: जिले के गांव नरूखेड़ी के रहने वाले रोडवेज ड्राइवर संदीप नरवाल के अपहरण करने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। संदीप नरवाल का अपहरण उसी के साथी हरियाणा पुलिस के हेड कांस्टेबल नरेंद्र ने करवाया था। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार बदमाशों ने रिमांड के दौरान पुलिस को यह बात बताई। 15-20 दिन की प्लानिंग के बाद आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर नरूखेड़ी गांव से दिनदहाड़े संदीप का अपहरण कर लिया, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए 9 घंटे के अंदर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
युवकों को विदेश भेजने का भी काम करता था संदीप
सीआईए-2 के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि संदीप नरवाल युवकों को विदेश भेजने का काम करता था। आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजना चाहता था और एजेंट संदीप नरवाल से मिला था। नरेंद्र के पास पैसे का जुगाड़ नहीं हो सका था, लेकिन वह लगातार संदीप के टच में था। नरेंद्र ने संदीप का घर बार देखा हुआ था। वह संदीप के हालातों से वाकिफ था। बाद में नरेंद्र ने देखा कि संदीप ने कुछ ही समय में अच्छी प्रॉपर्टी बना ली है और करोड़ों रुपया कमा लिया है।
नरेंद्र ने बनाया संदीप का अपहरण करने का प्लान
आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र आॅनलाइन सट्टा खेलता था। लोगों से पैसा ले लेकर सट्टा खेलता रहा और हारता चला गया। जिसकी वजह से उसके ऊपर काफी ज्यादा देनदारी हो चुकी थी और तनख्वाह से खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। नरेंद्र ने प्लान बनाया कि क्यों न किसी ऐसे आदमी को उठाया जाए, जो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे दे और हमारी जिंदगी आसानी से कटे। जिसके बाद आरोपी ने अपने दो साथियों को तैयार किया और बताया कि संदीप नरवाल को दिल्ली पुलिस ने उठाया था और वहां से जमानत करवाकर आया है और संदीप ने बहुत मोटा पैसा कमाया हुआ है। संदीप एक सॉफ्ट टारगेट है और इसको उठाते है तो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे देगा।
रेकी करने के लिए संदीप के घर आए थे आरोपी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि एक जनवरी को भी तीनों आरोपी संदीप के घर पर पहुंचे थे, लेकिन संदीप उस दिन घर पर नहीं था, इन लोगों ने संदीप के घर वालों को बताया था कि वे संदीप से मिलने आए है। वास्तव में ये लोग संदीप की रेकी करने के लिए आए थे। इन लोगों की प्लानिंग करीब 15-20 दिन से चल रही थी। लगातार रैकी की गई, जिसमें इन लोगों को पता चल गया कि संदीप किस टाइम कहां पर होता है। 4 जनवरी को मुख्य आरोपी ने अपने दोनों साथियों को गांव नरूखेड़ी में बुला लिया। इन लोगों को पता था कि संदीप दोपहर को अपनी बेटी को बस में बैठाने के लिए अकेला जाता है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया।
आरोपी अक्षय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है कार
पुलिस ने बताया कि कार आरोपी अक्षय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है। जब मधुबन से आरोपी चले थे तो इन्होंने कार की दोनों नंबर प्लेट को उतारकर कार की डिग्गी में डाल दिया था। प्लानिंग के मुताबिक आरोपियों ने अपनी कार को बस स्टैंड नरूखेड़ी के नजदीक ही लगा दिया। जैसे ही संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाकर वापिस घर की तरफ जाने लगा तो इन आरोपियों ने संदीप की बाइक के सामने अपनी कार को अड़ा दिया और ड्राइवर अक्षय और सुरेंद्र असला लेकर कार से नीचे उतरे और उसकी बाइक को धक्का देकर गिरा दिया। फिर संदीप को जान से मारने की धमकी दी और जबरन गाड़ी में धकेल लिया। सुरेंद्र पीछे वाली सीट पर संदीप को लेकर बैठ गया। नरेंद्र कंडक्टर सीट पर बैठा था और अक्षय ने कार ड्राइव की। वहां से किडनेप करके ले गए।
संदीप के नंबर से कॉल कर मांगी फिरौती
पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने संदीप के फोन से सिम निकालकर नए फोन में सिम डाली और उसी से आरोपियों ने संदीप के पिता धर्मबीर के पास दो करोड़ की फिरौती के लिए कॉल किया। धर्मबीर ने अपहरणकर्ताओं को कहा कि दो करोड़ हमारे पास नहीं है। इसके बाद किडनेपर्स ने डेढ़ करोड़ मांगे और कॉल काट दिया। बदमाश संदीप को लेकर गोहाना पहुंच गए। वहां ग्रामीण इलाको में घुमाते रहे। फिर कॉल किया तो पैसे के लिए धर्मबीर ने अपनी विवशता बताई। फिर आरोपी 80 लाख रुपए की डिमांड पर आ गए, जिसके लिए धर्मबीर तैयार हो गया।
आरोपियों ने पुलिस की गाड़ी पर किया फायर
आरोपियों ने फिरौती की रकम लेकर धर्मबीर को असंध बुलाया। गोहाना से आरोपी चले तो सालवन के पास पुलिस चौकी का नाका लगा हुआ था। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को पहचान लिया। पुलिस कर्मचारियों ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस की गाड़ी आरोपियों की गाड़ी के नजदीक पहुंची तो आरोपी सुरेंद्र ने अपनी पिस्टल निकालकर पुलिस की गाड़ी पर फायर कर दिया। फायर लगने और धुंध के कारण गाड़ी धीमी हो गई। जिसके बाद आरोपी अपनी गाड़ी को स्पीड में भगाकर ले गए।
अलर्ट पर थी पानीपत, सोनीपत, करनाल और जींद की पुलिस
पुलिस के मुताबिक, पानीपत पुलिस, सोनीपत पुलिस, करनाल पुलिस और जींद पुलिस की टीम अलर्ट मोड पर थी। आरोपियों ने अपनी गाड़ी को गोहाना की तरफ घुमा लिया। पुलिस को आरोपियों की गाड़ी की लोकेशन मिली हुई थी। सीआईए-2 की टीम इनके पीछे पीछे थी। बीचपड़ी गांव से आगे एक मोड आता है, वह मोड तो इन आरोपियों ने क्रॉस कर लिया। उसे आगे आए मोड को वे क्रॉस नहीं कर पाए और इनकी गाड़ी पलट गई। पुलिस ने संदीप को सही सलाम बाहर निकाला। संदीप को भी चोटे लगी हुई थी और किडनेपर्स को भी चोटे लगी हुई थी।
आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के कब्जे से एक अवैध पिस्टल मिली, जिसके अंदर दो-तीन रौंद थे, एक चला हुआ खोल मिला। एक 32 बोर का देसी कट्टा मिला। वह सिम कार्ड भी बरामद हुई है, जिससे इन्होंने कॉल करके फिरौती मांगी थी।
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