बेरहमी से की गई हत्या के मामले में केवल छह साल की कैद ही जमानत का पर्याप्त आधार नहींः हाई कोर्ट

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In a case of ruthless murder, imprisonment of only six years is not a sufficient ground for bail

आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:

हौज खास स्थित एक बार में डांस को लेकर हुए विवाद में हत्या के आरोपित विशाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया कि ऐसे मामले में केवल छह साल की कैद ही जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि भले ही सीसीटीवी फुटेज स्पष्ट नहीं हो, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि पूरा मामला सीसीटीवी फुटेज के अलावा आक्यूलर साक्ष्य और एफएसएल परिणामों पर आधारित है। अपना मोबाइल फोन लेने वापस आए निहत्थें युवकों पर हमला किया था। पीठ ने कहा कि आरोपित ने पूर्व नियोजित तरीके मृतक पर बेसबाल के बल्ले, लोहे की राड और सीमेंट की ईंटों से हमला करते समय कोई दया नहीं दिखाई। मृतक रूपेश को गंभीर रूप से 21 चोटें आईं।ऐसे में अपराध की गंभीरता और हमले की क्रूर प्रकृति को देखते हुए जमानत याचिका खारिज की जाती है।

अधिवक्ता ने दी दलील कि यह अचानक हुआ झगड़ा था

वहीं, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी कि यह अचानक हुआ झगड़ा था न कि पूर्व नियोजित, ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए के तहत आता है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले आवेदक को जमानत दी गई थी और उसने इसका दुरुपयोग नहीं किया था। मौके पर जुटाए गए सीसीटीवी फुटेज भी स्पष्ट नहीं हैं, ऐसे में उनके मुवक्किल को जमानत दी जाए। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सीसीटीवी के अलावा भी आरोपित के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। शिकायतकर्ता रोहित बंसल अपने दोस्त विनीत, सोनू, रूपेश और मोनू के साथ 21-22 अक्टूबर 2015 में हौज खास स्थित सांघई-30 बार एंड रेस्टोरेंट गए थे। रात करीब साढ़े बारह बजे डांस फ्लोर पर नाचने को विवाद हुआ। इसके बाद रोहित अपने दोस्तों के साथ वहां से बाहर आए गए।

रोहित को सिर पर चोट आई

इसी बीच रोहित को पता चला कि वह अपना फोन अंदर भूल गया है तो वह दोस्तों के साथ दोबारा बार में गया, तो विवाद करने वाले आरोपितों ने उसका रास्ता रोक लिया और दोबारा विवाद होने पर उन्होंने रोहित और रूपेश पर बेसबाल के बल्ले, लोहे की राड और सीमेंट की ईंट से बेरहमी से हमला किया। रोहित को सिर पर चोट आई, जबकि रूपेश को 21 चोटें आई थी और घटना के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने पहले आरोपित अनिल कुमार यादव की पहचान की। इसके बाद अन्य आरोपित तरुण, आशीष बालगुएर, विशाल बालगुएर, विकास बालगुएर और विकास उर्फ शम्मी को भी गिरफ्तार किया गया|

 

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