राकेश सिंह । नई दिल्ली। 5 अगस्त का दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चुका है और सदियों तक इस ऐतिहासिक दिन को याद भी किया जाएगा। लेकिन यही 5 अगस्त पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गया है, लिहाजा भारत के खिलाफ अब नया प्रोपेगैंडा चलाने की साजिश में जुट गया है।
दरअसल, 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान को खत्म करते हुए केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। इससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा जमा रखा है और दावा करता है कि पूरा कश्मीर उनका है। लेकिन अब जब से आर्टिकल 370 खत्म हुआ है पाकिस्तान बौखला गया है। यही कारण है कि लगातार भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रोपेगैंडा चलाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए।
अब इसी कड़ी में जब भारत अनुच्छेद 370 हटाने के एक साल पूरे होने के मौके पर कई तरह के विशेष कार्यक्रम देशभर में आयोजित करेगी, तो वहीं पाकिस्तान की इमरान सरकार अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने के लिए पाकिस्तान में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करेगी। इतना ही नहीं इमरान सरकार ने इसके लिए 18 सूत्री एक प्लान भी तैयार किया है, जिसे 5 अगस्त के दिन भारत विरोधी एजेंडे के तौर पर लागू किया जाएगा।
बता दें कि 18-सूत्रीय कार्यक्रम में इमरान खान का पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का दौरा भी शामिल है। वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित मुजफ्फराबाद विधानसभा को संबोधित भी करेंगे। इस भाषण का प्रसारण लाइव किया जाएगा, ताकि दुनिया तक पाकिस्तान की आवाज पहुंच सके।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय को सभी प्रमुख उर्दू और अंग्रेजी अखबारों में स्पेशल पेज के जरिए कवरेज करवाने का काम सौंपा गया है। 18 सूत्री कार्यक्रम में ये भी तय किया गया है कि 5 अगस्त के दिन सभी पाकिस्तानी न्यूज चैनलों का ‘लोगो’ ब्लैक कर दिया जाएगा। इसके अलावा सभी चैनलों में कश्मीर पर विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। कश्मीरियों के लिए एक विशेष गीत तैयार किया गया है, जिसे दिनभर टीवी पर चलाया जाएगा।
पाकिस्तान 5 अगस्त को कश्मीरी नेताओं, कार्यकतार्ओं और भारत के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को रॉयल ट्रीटमेंट भी देगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव के संबंध में पर्चे बांटे जाएंगे जिसमें जनमत संग्रह का जिक्र है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर पाकिस्तान को दुनियाभर से मायूसी ही हाथ लगी है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है। इनमें मलेशिया, तुर्की और चीन के नाम प्रमुख तौर पर सामने है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ प्रोपेगैंड़ा चलाने की कोशिश की। ट्विटर पर भी अभियान चलाया। पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी अपने भाषण में इमरान खान ने कश्मीर का ही जिक्र किया और घाटी में नरसंहार की भविष्यवाणी की। इतना हीन ही दुनिया के सामने ये धमकी भी दी कि यदि कश्मीर मामले का समाधान नहीं किया गया तो पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है।
इसके अलावा चीन ने भी धारा 370 को खत्म करने पर बयान जारी किया था। चीन ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर एक साथ काम करना चाहिए, जबकि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने पर आपत्ति जताई थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन हमेशा भारत के प्रशासनिक क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र को शामिल करने का विरोध करता है। हालांकि भारत ने भी दो टूक कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है।