बैठक में शामिल होंगे किसान संगठनों के 28 किसान नेता
Punjab Farmer Protest (आज समाज), चंडीगढ़ : मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के संघर्ष को बीते कल एक साल पूरा हो गया है। ज्ञात रहे कि पिछले साल दिल्ली कूच के लिए निकले पंजाब के किसान संगठनों के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को हरियाणा के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर पंजाब की तरफ ही रोक दिया गया था। जिसके बाद किसान संगठनों ने दोनों बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया था।
कई बार टकराव की स्थिति बनी
इसके बाद कई बार दो जगह टकराव की स्थिति बनी और कई बार केंद्र से वार्ता भी हुई लेकिन मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठक गए। जिनको आज 81 दिन हो चुके हैं। जब डल्लेवाल की हालत गंभीर हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसपर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को तलब किया। सुप्रीम कोर्ट के दवाब के बाद केंद्र सरकार ने किसानों को 14 फरवरी के लिए बैठक का न्योता दिया। जिसे किसान संगठनों ने स्वीकार कर लिया। इसी ेके चलते यह अहम बैठक आज चंडीगढ़ में होगी। यह मीटिंग चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित मगसीपा आॅफिस में शाम साढ़े 5 बजे होगी।
केंद्र की किसानों से अब तक 4 बार वार्ता हुई
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 13 फरवरी को शुरू हुआ था। तब वे दिल्ली कूच के लिए निकले थे लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक लिया। तब से वे वहीं बैठे हैं। इसके बाद आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार की चंडीगढ़ में 4 बार मीटिंग हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। तब केंद्र से इसमें 3 केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए थे।
बात सिरे नहीं चढ़ी तो फिर दिल्ली कूच
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम लड़ाई लड़ना जानते हैं। हम ग्राउंड में नहीं हारे तो टेबल टॉक पर नहीं हारेंगे। अगर केंद्र सरकार से होने वाली मीटिंग कामयाब नहीं रहती है। तो किसान 25 तारीख को दिल्ली की तरफ कूच करने का फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार उनकी जायज मांगे पूरी नहीं कर देती। इसके लिए किसान किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं।
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