Impact of Women Voters in Haryana Election : महिला वोटर्स के झुकाव और वादों के बूते भाजपा की हरियाणा में हैट्रिक

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Impact of Women Voters in Haryana Election : महिला वोटर्स के झुकाव और वादों के बूते भाजपा की हरियाणा में हैट्रिक
  • महिलाओं के लिए किए वादों ने बढ़ाया भाजपा का वोट प्रतिशत

Impact of Women Voters in Haryana Election | चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा किया। इस बार की जीत में महिलाओं की भूमिका बेहद निर्णायक रही, जिन्होंने अपने वोट से पार्टी के वादों को मजबूती दी।

करीब 90 लाख महिला मतदाताओं ने भाजपा के चुनावी एजेंडे को सराहा, जिसके चलते पार्टी ने बहुमत हासिल किया। भाजपा की जीत इस बात का संकेत है कि महिलाओं के रुझान के बुते ही बीजेपी सत्ता की दहलीज तक पहुँची है।

महिला-केंद्रित वादों ने बढ़ाया भाजपा का प्रभाव

भाजपा का चुनावी घोषणापत्र सीधे महिलाओं की जरूरतों पर केंद्रित था। सबसे बड़ा आकर्षण था महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा, जो कांग्रेस के 2000 रुपये प्रति माह के वादे से अधिक था।

यह मामूली अंतर भी निर्णायक साबित हुआ, क्योंकि भाजपा ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए इसे एक मुख्य मुद्दा बनाया।

गैस सिलेंडर योजना : भाजपा की जीत का मास्टरस्ट्रोक

भाजपा का दूसरा बड़ा वादा था 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का, जिसने ग्रामीण और निम्न-मध्यम वर्ग की महिलाओं का ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चुनाव से पहले ही अगस्त महीने में इस योजना की शुरुआत कर दी थी, जिससे यह भरोसा पैदा हुआ कि भाजपा अपने वादों पर अमल करती है।

“हर घर-हर गृहिणी” पोर्टल के माध्यम से इस योजना को लागू करने का तरीका भाजपा की ओर से तकनीकी नवाचार और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।

यह योजना महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से राहतदायक साबित हुई, खासकर उन परिवारों के लिए जो अंत्योदय श्रेणी में आते हैं। एक साल में 12 सिलेंडरों तक की सब्सिडी का लाभ मिलने से राज्य की महिलाओं में भाजपा के प्रति सकारात्मक भावना का संचार हुआ, जिसने मतदान के दौरान भाजपा के पक्ष में वोटों को मजबूत किया।

विधानसभा में महिलाओं की बढ़ी भागीदारी

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में 13 महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जो राज्य की राजनीति में महिलाओं के बढ़ते प्रभाव का संकेत है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने महिला उम्मीदवारों को प्रमुखता दी, लेकिन भाजपा की महिला उम्मीदवारों ने अधिक प्रभावी जीत दर्ज की।

भाजपा की श्रुति चौधरी (तोशाम), शक्ति रानी शर्मा (कालका) और कृष्णा गलावत (राई) जैसी महिलाएं विधानसभा में पहुंचीं, जबकि कांग्रेस की गीता भुक्कल (झज्जर) और रेणुबाला (साढौरा) ने भी जीत दर्ज की।

कांटे की टक्कर : भाजपा और कांग्रेस के बीच मामूली अंतर

इस बार का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला था। भाजपा ने कुल 39.94% वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस को 39.09% मत मिले। दोनों पार्टियों के बीच मात्र 1.18 लाख वोटों का अंतर था, लेकिन यह मामूली अंतर भाजपा के पक्ष में 48 सीटों के रूप में परिणामित हुआ, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं।

महिला मतदाताओं का निर्णायक रुख

इस चुनाव में महिला मतदाताओं ने यह साफ संदेश दिया कि वे अब ऐसे राजनीतिक दल को चुनेंगी जो उनके वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दे। भाजपा की महिला केंद्रित योजनाओं और स्पष्ट वादों ने महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित किया। राज्य की राजनीति में यह बदलाव स्पष्ट दिखा कि महिलाओं ने भाजपा के प्रति अपना विश्वास जताया और यह समर्थन पार्टी की जीत में निर्णायक रहा।

चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि हरियाणा की राजनीति में महिलाओं की शक्ति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और आने वाले समय में यह भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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