एजेंसी। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज हलवा समारोह के बाद बजट के दस्तावेजों की प्रिटिंग शुरू हो गई। वह एक फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी लेकिन वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की ओर से अच्छी खबर नहीं है। आईएमएफ की ओर से 2019 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है और अनुमानत: 4.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि भारत के पड़ोसी देश चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2020 में 0.2 प्रतिशत बढ़कर 6 प्रतिशत होने का अनुमान है। आईएमएफ द्वारा भारत के गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों में दबाव और ग्रामीण भारत में आय वृद्धि कमजोर रहने का हवाला देते हुए वृद्धि अनुमान को कम किया गया है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) का सालाना शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए आईएमएफ ने वैश्विक वृद्धि दर के साथ-साथ भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में संशोधन की जानकारी दी है। मुद्राकोष के अनुसार 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत, 2020 में 5.8 प्रतिशत और 2021 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है। भारत में जन्मीं आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है।मुद्राकोष ने कहा कि भारत में घरेलू मांग उम्मीद से हटकर तेजी से घटी है। इसका कारण एनबीएफसी में दबाव और कर्ज वृद्धि में नरमी है।
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