आज समाज डिजिटल, बेंगलुरु, (IMF On Economy ): अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए एकता के आह्वान के साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे को मजबूत करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है। प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, आईएमएफ का मानना है कि पूरे विश्व में वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा में ही अलग-अलग देशों का भी भला है। भारत की अध्यक्षता में बेंगलुरु में आयोजित जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर्स की बैठक को संबोधित करते हुए क्रिस्टालिना ने यह बात कही।
- एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मिलकर काम करना जरूरी
- वित्तीय स्थिरता तभी होगी जब अंतरराष्ट्रीय ढांचा मजबूत होगा
आर्थिक मुश्किलें झेल रहे देशों की मदद की जा सकेगी
आईएमएफ प्रबंध निदेशक ने कहा, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा मजबूत होगा तभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में वित्तीय स्थिरता आएगी और इससे आर्थिक मुश्किलें झेल रहे देशों की मदद की जा सकेगी। क्रिस्टालिना ने कहा कि भारत इस वर्ष दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले तेजी से तरक्की करेगा और ऐसे में भारत विश्व अर्थव्यवस्था के लिए विकास के लिए महत्वपूर्ण इंजन है।
वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का जिक्र, समाधान निकालें
क्रिस्टालिना ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस वर्ष पूरे विश्व में विकास दर बेहद नीचे रहने के कारण कई देशों में लोगों का जीवनयापन भी मुश्किल होगा। उन्होंने ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि सभी देश एक साथ आकर मुश्किलों में घिरे देशों के लिए उनकी दिक्कतों का समाधान निकालें। आईएमएफ ने वैश्विक वित्तीय सेफ्टी नेट को तुरंत मजबूत करने की सलाह दी है। वैश्विक वित्तीय सेफ्टी नेट संस्थानों और तंत्रों का ऐसा समूह है जो संकट व ऋण का सामना करने वाले देशों की मदद करता है।
दुनिया के कई देश ऋण नहीं चुका पा रहे
क्रिस्टालिना ने कहा, दुनिया के कई देश ऋण नहीं चुका पा रहे हैं और ऐसे हालात जरूरी है कि उनके ऋण की शर्तें आसान की जाएं और उनकी समस्याओं का हल ढूंढा जाए। क्रिस्टालिना के अनुसार, वैश्विक कोविड महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय अस्थिरता बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने चाड, जांबिया, इथियोपिया, श्रीलंका और सूरीनाम जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि आईएमएफ मुश्किलों से घिरे विभिन्न देशों की सहायता कर रहा है।
ऋण लेने व देने वाले दोनों देशों को साथ लाया जा रहा
आईएमएफ प्रबंध निदेशक ने कहा, वैश्विक संप्रभु ऋण गोलमेज के तहत ऋण लेने और देने वाले दोनों देशों को एक साथ लाया जा रहा है, ताकि ऋण समाधान के लिए महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्व का समग्र भला इसी में है कि हम कारगर और एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करें ताकि पूरा विश्व अधिक सुरक्षित और समृद्ध हो। खासकर ऋण समाधान और वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट के क्षेत्र में ऐसे समय में एकजुट होना जरूरी है जब वैश्विक विकास 2023 में धीमा होना तय है।
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