IMD Alert Heavy Rain In August And September, (आज समाज), नई दिल्ली: अगस्त और सितंबर में इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज यह जानकारी दी है। मौसम अधिकारियों ने कहा कि कहा कि अगस्त के अंत तक ला नीना की अनुकूल परिस्थितियां विकसित होने की अच्छी संभावना है। देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से अगस्त व सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश एक अच्छी खबर है।
खेती योग्य क्षेत्र का 52% हिस्सा मानसून पर निर्भर
दरअसल भारत में खेती के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा मानसून पर निर्भर करता है। साथ ही देश भर में पेयजल व बिजली के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों के फिर से भरने के लिए भी मानसूनी बारिश बहुत अहम है।
औसत की तुलना में 106 प्रतिशत बारिश की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त और सितंबर में भारत में औसत की तुलना में 106 प्रतिशत बारिश होगी। अधिकारियों ने कहा है कि देश में 1 जून से अब तक 453.8 मिमी सामान्य बारिश दर्ज की गई है, जो दो प्रतिशत अधिक है। जून में सामान्य से अधिक बारिश के बाद जुलाई में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई।
सामान्य से अधिक तापमान : आईएमडी प्रमुख
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने अगस्त-सितंबर में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में कम बारिश की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की उम्मीद है। महापात्र ने कहा, गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के कुछ इलाकों में सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है।
ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश के आसार
देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ और मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।
जुलाई में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक बारिश
बता दें कि भारत में जुलाई में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि मध्य क्षेत्र में 33 फीसदी अधिक बारिश हुई। आईएमडी के आंकड़ों से पता चला है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में बारिश में कमी आई है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बारिश की कमी 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक रही।