IMD Prediction: केरल में इस बार एक दिन पहले 31 मई तक दस्तक दे सकता है मानसून

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केरल में एक दिन पहले 31 मई तक दस्तक दे सकता है मानसून

Aaj Samaj (आज समाज), IMD Prediction, नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस बार समय से एक दिन पहले केरल पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा बुधवार देर रात जारी अनुमान के मुताबिक, मानसून इस दफा 31 मई के आसपास केरल में दस्तक दे सकता है और इसी आधार पर इसकी चाल अन्य राज्यों के लिए तय होगी। बता दें कि केरल में मानसून पहुंचने की सामान्य तारीख एक से चार जून तक है। हालांकि, इसमें चार दिन के आगे या पीछे होने की संभावना बनी रहती है।

31 मई जल्दी नहीं, सामान्य तारीख : मृत्युंजय महापात्र

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 31 मई की तारीख जल्दी नहीं है, बल्कि यह सामान्य तारीख के करीब है, क्योंकि केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख एक जून है। मौसम विभाग ने इससे पहले दक्षिण-पश्चिम मननसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचने की उम्मीद जताई थी, जो सामान्य तारीख से 3 दिन पहले है। हर साल अंडमान निकोबार में मानसून 22 मई तक आता है। अंडमान निकोबार से आगे बढ़ते हुए मानसून केरल पहुंचता है।

10 जून तक महाराष्ट्र पहुंच जाता है मानसून

10 जून तक मानसून महाराष्ट्र पहुंच जाता है। उसके बाद मानसून 15 जून को गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार पर पहुंचता है। वहीं, 20 जून को यह गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश में दस्तक देता है। हालांकि, अभी मौसम विभाग ने इन राज्यों में मानसून के पहुंचने की कोई तारीख नहीं बताई है। मौसम विभाग लगातार मानसून की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा है कि इस साल औसत बारिश 106 फीसदी होने की उम्मीद है। आईएमडी ने पिछले महीने जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया था। बता दें कि जून और जुलाई को कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानसून महीने माना जाता है, क्योंकि इस अवधि में खरीफ फसल की अधिकांश बुवाई होती है। आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले साल आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को और 2020 में एक जून को और 2019 में 8 जून को मॉनसून की शुरुआत हुई थी।

कमजोर हो रहा अल नीनो

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अल नीनो, जो मानसून को बाधित करता है, कमजोर हो रहा है और मानसून आने तक यह हट जाएगा। ला नीना भारत में अधिक वर्षा का कारण बनती है। उन्होंने बताया कि यह अगस्त तक स्थापित हो जाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था में मानसून एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की लगभग 50 फीसदी कृषि भूमि के पास सिंचाई का कोई अन्य साधन नहीं है।

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