IMA ने किया MBBS छात्रों का समर्थन, आज OPD रहेगी बन्द

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IMA supports MBBS students OPD will remain closed today

इशिका ठाकुर,करनाल:

हरियाणा में प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस के छात्र-छात्राएं सरकार द्वारा बॉन्ड पॉलिसी लागू करने के विरोध में 28 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 28 दिन से विद्यार्थी अपनी कक्षाएं तक नहीं लगा रहे हैं। जिसे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बीती रात भी एमबीबीएस के स्टूडेंट का एक दल हरियाणा सरकार के नुमाइंदों से बात करने के लिए गया था लेकिन सरकार के साथ उनकी सहमति नहीं बन पाई। जिसे उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार बात नहीं मानती तब तक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।

इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी

आईएमए जिला प्रधान डॉ नवीन गुप्ता ने कहा कि करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में IMA के डॉक्टरों ने बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में छात्रों का समर्थन करते हुए प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों में OPD बंद करने का निर्णय लिया है। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में समर्थन करने पहुंचे IMA के डॉक्टरों ने कहा कि वह छात्रों के साथ है। सोमवार के दिन सुबह 8:00 से शाम के 8:00 बजे तक आईएमए के द्वारा पूरे हरियाणा में ओपीडी बंद कर दी गई है। इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश के डॉक्टरों का भविष्य इन्हीं बच्चों में है सरकार को इनकी बात माननी चाहिए ताकि हम अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सके।

अस्पतालों की OPD बंद रखेगें

आईएमए के जिला सचिव डॉ रविंद्र कौशल ने कहा कि वह भी सरकार की इस बॉन्ड पॉलिसी का विरोध करते है। जिसके चलते आज हम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक अपने अस्पतालों की OPD बंद रखेगें। अगर सरकार ने छात्रों की मांगों को पूरा नहीं किया तो वह आने वाले समय और भी कड़ा निर्णय ले सकते है। हरियाणा में भविष्य के डॉक्टरों को सरकार इस पॉलिसी के जरिए बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है जिसका वह कड़ा विरोध करते हैं। ऐसी रहा तो हरियाणा के और दूसरे राज्यों के एमबीबीएस के छात्र हरियाणा में एडमिशन लेने की बजाय दूसरे राज्यों की तरफ रुख करने लगेंगे । इससे हरियाणा में एमबीबीएस की पढ़ाई का स्तर भी गिर जाएगा । इसलिए हम सरकार से अपील करते हैं कि जल्द ही इस समस्या का हल निकाला जाए ताकि छात्रा अपनी पढ़ाई सुचारु रुप से कर सके और एमबीबीएस में पढ़ने वाले गरीब बच्चों पर अंतरिक्त बार ना पड़े। आज जिला उपायुक्त को बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में IMA के सदस्य व एमबीबीएस के स्टूडेंट मिलकर एक ज्ञापन भी देगें।

छात्रों ने कहा कि पिछले 28 दिन में कई बार सरकार से उनकी मीटिंग हो चुकी है। लेकिन कोई भी मीटिंग अबतक सिरे नहीं चढ़ पाई है। सरकार उन्हें लिखित में आश्वासन देने को तैयार नहीं। छात्रों ने कहा कि दो दिन पहले भी सरकार से उनकी मीटिंग में बात हुई है। रविवार देर रात तक भी मीटिंग चलती रही लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी पॉजिटिव रिस्पांस सामने नहीं आ रहा है। छात्रों ने कहा कि अब IMA के द्वारा ओपीडी बंद करने के एलान के बाद सरकार पर काफी दबाव पड़ेगा। जिसे उम्मीद है कि जल्द ही कोई हल निकल पाएगा ।

मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठे स्टूडेंट की मुख्य मांग है कि बॉन्ड एग्रीमेंट में से बैंक की दखलअंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए। साथ ही बॉन्ड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष की जाए। ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे, 40 लाख सेवा बॉन्ड राशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए।

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