एजेंसी,नई दिल्ली। असम में एनआरसी लागू की गई। लगभग 19 लाख लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं था जो यहां रह रहे हैं। इसके बाद सरकार ने उन्हें कुछ समय दिया है कि वह अपनी नागरिकता साबित कर सकें। अब उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) का ड्राफ्ट जारी किया गया है। राज्य पुलिस ने ड्राफ्ट जारी करने का काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, आईजी, डीआईजी रेंज व एडीजी जोन को पत्र भेजकर इस पर निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार अवैध रूप से रहने वाले लोगों की ऊंगलियों के निशान लिये जायेंगे और उन्हें फिंगर प्रिंट ब्यूरो को सत्यापन के लिये भेजा जायेगा ।सूत्रों का कहना है कि ऐसे सभी लोगों को बाहर निकाला जायेगा जो अवैध रूप से राज्य में रह रहे हैं। सूची में ऐसे भी नाम हो सकते हैं जो किसी जिले के फरार अपराधी हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एनआरसी के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने जो मसौदा तैयार किया है उसमें सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान की जाएगी जहां बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। सतर्कता के साथ सत्यापन के इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो समयबद्घ तरीके से उसका सत्यापन कराया जायेगा । पुलिस यह भी पता लगाएगी कि विदेशी नागरिकों ने अपने प्रवास को नियमित करने के लिए कौन-कौन से फजीर् अभिलेख व सुविधाएं ली हैं। इसमें राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट व आधार कार्ड हो सकते हैं। इन फजीर् अभिलेखों व सुविधाओं के बारे में जांच पूरी होने पर उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी और यह सुविधाएं मुहैया कराने वाले बिचौलियों व विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
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