Chandigarh News: हरियाणा में एक नई आईआईटी की स्थापना को लेकर भारत सरकार की योजना के तहत, ऐतिहासिक गाँव बहीन में इस प्रतिष्ठित संस्थान की माँग को लेकर एक महापंचायत का आयोजन किया गया। यह पंचायत दादा कान्हा रावत की जन्मस्थली, बहीन के बड़े बंगले पर रावत पाल के प्रमुख सुमेर जेलदार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें गाँव के गणमान्य लोग शामिल हुए।

हरियाणा सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को 300 एकड़ भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में ग्राम पंचायत बहीन ने 300 एकड़ भूमि देने का प्रस्ताव ज़िलाधिकारी, पलवल को भेज दिया है। इस प्रस्ताव को सरकार तक पहुँचाने और इसे साकार करने की रणनीति तय करने के लिए पंचायत हुई। इस दौरान सभी ने अपने विचार रखे और 21 सदस्यीय एक कमेटी गठित की गई, जो सरकार व राजनीतिक नेतृत्व से मिलकर इस माँग को पूरा कराने की कोशिश करेगी।

पंचायत में डॉ. शिवसिंह रावत (पूर्व अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग एवं आईआईटी दिल्ली से पीएचडी) ने बहीन में आईआईटी की स्थापना की माँग को मजबूती से रखते हुए इसके समर्थन में कुछ ठोस तर्क प्रस्तुत किए—

1. भूमि की उपलब्धता- ग्राम पंचायत के पास 300-500 एकड़ भूमि मुख्य सड़क पर उपलब्ध है। पंचायत ने इस भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव ज़िलाधिकारी, पलवल को भेज दिया है। हरियाणा में इतनी बड़ी ज़मीन किसी एक पंचायत के पास शायद ही उपलब्ध हो। पंचायत 300 एकड़ से अधिक भूमि देने को भी तैयार है।

2. बेहतरीन कनेक्टिविटी- बहीन गाँव होडल-नूँह मुख्य मार्ग पर स्थित है, जिसे वर्तमान में चार लेन का राजमार्ग बनाया जा रहा है। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-248ए (गुड़गांव-नूँह-राजस्थान) और एनएच-8 (दिल्ली-जयपुर) से जुड़कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमाएँ महज 15-20 किलोमीटर की दूरी पर हैं, जिससे यह स्थान सुविधाजनक और रणनीतिक दृष्टि से उपयुक्त बनता है।

3. सुरक्षित माहौल- यह क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से बेहद शांतिपूर्ण और सुरक्षित है। 1947 से अब तक यहाँ कोई दंगा-फसाद नहीं हुआ है। यह इलाका भाईचारे, अमन और शांति के लिए जाना जाता है, हालाँकि यह मेवात क्षेत्र के समीप स्थित है।

4. जल संसाधनों की उपलब्धता – प्रस्तावित स्थल के पास से सिंचाई की नहर गुजरती है, जिससे यहाँ का जल मीठा और स्वच्छ है। केंद्रीय भूजल बोर्ड एवं हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हथीन ब्लॉक को भूजल सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षित ज़ोन में रखा गया है।

5. शिक्षा में पिछड़ापन और सुधार की आवश्यकता

शिक्षा के मामले में यह क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है।हरियाणा की औसत साक्षरता दर 75 प्रतिशत से ऊपर है ।पलवल ज़िले की साक्षरता दर 70 प्रतिशत जबकि हथीन तहसील की साक्षरता दर 60 प्रतिशत से भी कम है। इस क्षेत्र में आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना से शिक्षा स्तर में क्रांतिकारी सुधार होगा और युवाओं को बेहतरीन अवसर मिलेंगे।

बहीन: सरकार के सभी मानकों पर खरा- डॉ. शिवसिंह रावत ने कहा कि बहीन गाँव की यह साइट सरकार की सभी हिदायतों और मानकों को पूरा करती है। यदि यहाँ आईआईटी की स्थापना होती है, तो यह क्षेत्र हरियाणा की मुख्यधारा का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा। यह प्रधानमंत्री के “सबका साथ – सबका विकास” और “अंत्योदय” के संकल्प को भी साकार करने में सहायक होगा।

महापंचायत में उपस्थित गणमान्य लोग

इस पंचायत में विक्रम सिंह (सरपंच), परशाद (सरपंच), रतन (सरपंच), कर्ण नम्बरदार, सोहन मास्टर, अजीत सिंह (डिप्टी डीईओ), राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता मा. वेदराम शर्मा, अशोक रावत (डीएफएससी), महेंद्र (प्रिंसिपल), सुखबीर, तेजपाल मास्टर सहित गाँव के कई वरिष्ठ व सम्मानित लोग उपस्थित रहे।