पाकिस्तान। प्रधानमंत्री इमरान खान पर वहां की सेना का प्रभाव बरकरार है। इस बात का खुलाशा अमेरिकी संसद में जारी एक रिर्पोट में किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि खान को शासन का कोई पुराना अनुभव नहीं है, जिससे वह अपने कार्यभार को बेहतरी से संभाल पाते। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं ने नवाज शरीफ को हटाने के मकसद से चुनाव के दौरान घरेलू राजनीति में हेरफेर की थी।
रिपोर्ट में लिखा है कि खान के “नया पाकिस्तान” की सोच युवाओं, शहरी और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को लुभाती है। उनकी यह सोच भ्रष्टाचार विरोधी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले एक “कल्याणकारी देश” के निर्माण पर जोर देती है, लेकिन देश में गंभीर वित्तीय संकट और विदेश से और उधार लेने की आवश्यकता के कारण उनके प्रयास रंग नहीं ला रहे हैं।
अधिकतर विश्लेषकों को लगता है कि पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान विदेश और सुरक्षा नीतियों पर लगातार हावी रहा है। सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र रिसर्च विंग है, जो सांसदों के लिए विभिन्न मुद्दों पर समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करता है। इसे अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं माना जाता है।
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