If you work by keeping the rules in mind, then there will be no legal trouble: Meenakshi Anand Chaudhary: नियमों को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे तो नहीं होंगे कानूनी पचड़े: मीनाक्षी आनंद चौधरी

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पंचकूला। हरियाणा की पूर्व मुख्य सचिव मीनाक्षी आनंद चौधरी ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना काम करते वक्त हर पहलू का बड़ा बारिकी से ध्यान रखना चाहिए, यदि नियमों को ध्यान में रखकर कार्य किया जाएगा तो फिर कानूनी पचड़े नहीं होंगे।
मीनाक्षी आनंद चौधरी गुरुवार को हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) के सेक्टर 4 स्थित पंचकूला कार्यालय में हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) द्वारा एचईआरसी के कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में हरियाणा सिविल सेवा दंड तथा अपील-2016 नामक विषय पर व्याख्यान दे रही थी। उनके व्याख्यान से पहले एचईआरसी के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी ने पूर्व मुख्य सचिव मीनाक्षी आंनद चौधरी का एचईआरसी के इस कार्यक्रम में आने पर फूल के बुके देकर स्वागत किया तथा अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि मैडम मीनाक्षी आंनद चौधरी प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बनी तथा पहली मुख्य सूचना आयुक्त रही हैं, बिजली निगमों की चेयरपर्सन के अलावा कई विभागों में उन्होंने विभागाध्यक्ष के तौर पर सराहनीय कार्य किया है।
अपने व्याख्यान में मीनाक्षी आनंद चौधरी ने कहा कि हरियाणा सिविल सेवा दंड तथा अपील-2016 के नियम तो डी.एस.ढेसी ने ही बनाए हैं, उनके मुख्य सचिव रहते ही यह नियम बने हैं।
मीनाक्षी आनंद चौधरी ने दंड तथा अपील नामक विषय पर बड़ा बारिकी से हर बात को उदाहरण देकर समझाया कि कहां पर सेक्शन 7 के तहत कार्रवाई होती है और कहां पर सेक्शन 8 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने केस में खुद ही जज नहीं बन सकता, इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रहे, साथ ही न्याय करना ही नहीं है बल्कि न्याय होता हुआ भी दिखना चाहिए।
पूर्व मुख्य सचिव मीनाक्षी आनंद चौधरी ने कहा कि लोग कह देते हैं कि सिस्टम खराब है, लेकिन ध्यानपूर्वक सुन लें सिस्टम बिल्कुल खराब नहीं है, बल्कि हमारी इच्छा शक्ति नहीं है। मीनाक्षी आनंद चौधरी ने उदाहरण देकर कहा कि वह जब बिजली निगमों की चेयरपर्सन थी तो वहां पर नियमों को इतना उदार बनाया था कि जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों में कार्य करने का माहौल बेहतरीन बना था। उन्होंने कहा कि वे नियम आज भी बिजली निगमों में लागू हो रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कई और उदाहरण देकर बताया कि कैसे इन नियमों के तहत ढिलाई बरती जाती है ताकि न्याय जल्दी से जल्दी न हो। उन्होंने अपनी तीन घंटे की क्लास में पावर प्वायंट स्लाइड के जरिए दंड एवं अपील नियम का पूरा ब्यौरा दिया। कार्यक्रम की खास बात यह रही कि एचईआरसी के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी पूरे लेक्चर के दौरान उपस्थित रहे तथा समापन अवसर पर उन्होंने कहा कि मैडम ने सैद्धांतिक तौर के साथ-साथ व्यावहारिक रूप से बड़े अच्छे ढंग से इस विषय का प्रस्तुतिकरण किया। इस अवसर पर एचईआरसी के सचिव अनिल दून, डायरेक्टर टैरिफ संजय वर्मा, डायरेक्टर टेक्रिकल वीरेंद्र सिंह, हिपा पंचकूला सेंटर के प्रिंसिपल राम शरण, एडिशनल डायरेक्टर सुरभि जैन सहित आयोग के तमाम अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
यहां यह बताते चलें कि 28 फरवरी को एचईआरसी कार्यालय में पूर्व मुख्य सचिव एवं पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त उर्वशी गुलाटी ने भी आरटीआई विषय पर अपना व्याख्यान दिया था, जिसमें उन्होंने बड़ी बारिकी से बताया था कि कौन सी सूचना देनी है और कौन सी नहीं। इसके लिए उर्वशी गुलाटी ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ केसों का भी उल्लेख किया जिसमें निजी सूचना देना जरूरी नहीं है।