हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

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If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar
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आज समाज डिजिटल, अम्बाला :
If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar :
उत्तराखंड तो प्रमुख तीर्थ स्थान है, लेकिन हरिद्वार में भक्तों का मेला वर्षभर लगा रहता है। यही वजह है कुंभ का मेला भी हरिद्वार में लगता है। महाशिवरात्रि के पहले शाही स्नान से धार्मिक और औपचारिक तौर पर कुंभ की शुरूआत मानी जाती है।

माता मनसा देवी मंदिर में चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है। हरिद्वार का प्रमुख आकर्षण माना जाता है मां गंगा की निर्मल जलधारा। माना जाता है गंगोत्री से उद्गम के बाद मां गंगा सबसे पहले हरिद्वार में प्रवेश करती हैं।

कौन हैं मनसा देवी ?

पौराणिक मान्याताओं के अनुसार मां देवी मनसा को भगवान शंकर की पुत्री के रूप में और मां मनसा जी की शादी जगत्कारू से हुई थी और उनके पुत्र का नाम आस्तिक था। मनसा देवी को नागों के राजा वासुकी की बहन के रूप में भी जाना जाता है।

कहां स्थित है मनसा देवी का मंदिर?

मनसा देवी के मंदिर हरिद्वार से 3 किमी दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में बिलवा पहाड़ पर स्थित है। सालभर पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है। मान्यता है कि यहां भक्त जो मुराद लेकर आते हैं, उनकी वह मनोकामना देवी मां पूर्ण करती हैं। If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं मां मनसा देवी

माता मनसा देवी जी के मंदिर में मां की 2 मूर्तियां स्थापित हैं। इनमें से एक मूर्ति की पंचभुजाएं और एक मुख है और वहीं दूसरी मूर्ति की 8 भुजाएं हैं। If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

यहां मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। नाम से प्रतीत होता मां का नाम है मनसा यानी मन की कामना। आने वाले भक्त मुराद लेकर एक पेड़ पर धागा बांधते हैं। फिर इच्छा पूर्ण हो जाने के बाद उस धागे को खोलते हैं और फिर मां का आशीर्वाद लेकर चले जाते हैं। If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

पौराणिक मान्यताएं If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

विभिन पुराणों में मां मनसा देवी का वर्णन अलग प्रकार से किया गया है। पुराणों में बताया है कि इनका जन्म कश्यप ऋषि के मस्तिष्क से हुआ था और मनसा किसी भी विष से अधिक शक्तिशाली थी इसलिये ब्रह्मा ने इनका नाम विषहरी रखा।

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विष्णु पुराण के चतुर्थ भाग में एक नागकन्या का वर्णन है जो आगे चलकर मनसा के नाम से प्रचलित हुई। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अंतर्गत एक नागकन्या थी जो शिव तथा कृष्ण की भक्त थी।

If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar
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इसी प्रकार पंचकूला जिले में भी माता मनसा देवी जी का मंदिर है  पंचकूला के मशहूर माता मनसा देवी मंदिर अपने आप में बेहद खास है। इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही प्रभावशाली है। माता मनसा देवी मंदिर में चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।

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