चेन्नई। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई है। लेकिन इस मुद्दे को हिंदु मुस्लिम का रंग दिया जा रहा है। कांग्रेसी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने आर्टिकल 370 हटाने पर भाजपा की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने इसे हिंदु मुस्लिम रंग देने की कोशिश की। रविवार को भाजपा की आलोचना में उन्होंने कहा कि यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भगवा पार्टी इस राज्य का विशेष दर्जा ”नहीं” छीनती। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी ताकत से अनुच्छेद को समाप्त किया। इसके साथ ही चिदंबरम ने यह भी कहा कि घाटी की स्थिति अस्थिर है और अशांत भी। अंतराष्ट्रीय मीडिया इसे कवर कर रहा है। लेकिन भारतीय मीडिया इसे कवर नहीं कर रहा है। मोदी सरकार कह रही है कि कश्मीर में हालात ठीक हैं लेकिन ऐसा नहीं है। केवल भारतीय मीडिया अशांति की स्थिति को कवर नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सात राज्यों में सत्तारूढ़ सात क्षेत्रीय दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने राज्यसभा में भाजपा के कदम के खिलाफ ”भय के कारण सहयोग” नहीं किया। विपक्षी पार्टियों के असहयोग पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ”हमें पता है कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत नहीं है लेकिन सात पार्टियों (अन्नाद्रमुक, वाईएसआरसीपी, टीआरएस, बीजद, आप, टीएमसी, जद(यू) ने सहयोग किया होता तो विपक्ष राज्यसभा में बहुमत में होता। यह निराशाजनक है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के सौरा क्षेत्र में लगभग 10 हजार लोगों ने विरोध किया जो एक सच है, पुलिस ने कार्रवाई की जो एक सच है और इस विरोध के दौरान हुई गोलीबारी एक सच्चाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कदम की निंदा करने के लिए यहां एक जनसभा हुई थी। उन्होंने कहा कि देश के 70 साल के इतिहास में ऐसा कभी कोई उदाहरण नहीं आया जब एक राज्य को केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया गया हो।