सार्वजनिक सेवाओं में देरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर लगाया जाएगा पांच हजार जुर्माना: वीके जंजूआ
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब में लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ और उनके कार्य जल्द से जल्द हों इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह आम लोगों को बिना किसी परेशानी के इन सब का लाभ दिलाएं। यदि कोई भी अपने काम में कोताही करता हुआ पाया गया तो प्रदेश सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही जुर्माना भी लगाएगी।
यह कहना है पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य आयुक्त वीके जंजूआ का जोे पंजाब के सभी अतिरिक्त उपायुक्तों (जनरल) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक का उद्देश्य पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम के तहत नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करना था। इस अवसर पर आयोग के सचिव डॉ. नयन जस्सल भी उपस्थित थे।
जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ हो कार्रवाई
जंजूआ ने अधिनियम के तहत अपील प्राधिकरण के रूप में अतिरिक्त उपायुक्तों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नागरिकों को यह अधिकार है कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं, जो सेवाओं में देरी करते हैं या उन्हें अस्वीकार करते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त इन मामलों का स्वत: संज्ञान भी ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों को सेवाएं देने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर अतिरिक्त उपायुक्त 5000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं।
सभी जिलों के डीसी को दिए निर्देश
जंजूआ ने सभी अतिरिक्त उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिलों में लंबित मामलों की मासिक रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, जो अधिकारी सेवाएं समय पर प्रदान करने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण भी रिपोर्ट में शामिल करने को कहा गया।
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