Haryana News: अगर सरकारी कर्मचारियों के माता- पिता बुजुर्ग सम्मान भत्ता या कोई अन्य पेंशन ले रहे हैं तो सरकार अब नहीं देगी इस बड़ी सुविधा का लाभ

0
55
अगर सरकारी कर्मचारियों के माता- पिता बुजुर्ग सम्मान भत्ता या कोई अन्य पेंशन ले रहे हैं तो सरकार अब नहीं देगी इस बड़ी सुविधा का लाभ
अगर सरकारी कर्मचारियों के माता- पिता बुजुर्ग सम्मान भत्ता या कोई अन्य पेंशन ले रहे हैं तो सरकार अब नहीं देगी इस बड़ी सुविधा का लाभ

Haryana Govt Employee, चंडीगढ़: अगर आप भी हरियाणा में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी हैं, तो आज की खबर आपके लिए जरूरी है. दरअसल, अगर सरकारी कर्मचारियों के माता- पिता बुजुर्ग सम्मान भत्ता या कोई अन्य पेंशन ले रहे हैं तो अब उनका सरकारी खर्च पर इलाज नहीं करवाया जा सकेगा. बता दें कि 17 साल पहले एक नियम बनाया गया था, जिसके तहत यदि कर्मचारियों के आश्रित अभिभावकों की मासिक आय 35,00 रुपए या उससे ज्यादा है, तो उनके इलाज में होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति नहीं हो पाएगी.

15,000 रुपए मासिक आय वाले भी शामिल हैं BPL में

बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में जो लोग 15,000 रुपए मासिक कमाई कर रहे हैं, उन्हें बीपीएल का दर्जा दिया जा रहा है. ऐसे लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त इलाज सहित कई सुविधाएं भी दी जा रही हैं, लेकिन कर्मचारियों के ऐसे अभिभावक जिनकी मासिक आय 3500 रुपए या उससे ज्यादा है, तो उन्हें चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति भी अब नहीं की जाएगी.

हसला ने की मांग

इस विषय में हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त सचिव को भी पत्र लिखा जा चुका है. उन्होंने इन नियमों में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति पॉलिसी में आश्रित माता- पिता के इलाज में होने वाले खर्च के बिलों की प्रतिपूर्ति के लिए उनकी आय का नियम साल 2007 में 750 रुपए से बढ़ाकर ₹3500 प्रति माह किया गया था.

20 हजार रूपए की जाए लिमिट- हसला

तब से लेकर अब तक इन नियमों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. परिणाम स्वरुप अब कर्मचारी अपने माता- पिता का इलाज करवा पाने में असमर्थ हो रहे हैं. उनके बिलों को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि सरकार को कर्मचारियों के आश्रित माता- पिता की आय का नियम ₹20,000 प्रतिमाह कर देना चाहिए.