इशिका ठाकुर, करनाल:
बोर्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस के छात्रों को मिला डॉक्टरों का समर्थन, इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं की बंद , सरकार ने बात नहीं मानी तो 48 घंटों के बाद इमरजेंसी सेवाएं भी करेंगे ठप ।
बांड पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस के छात्र पिछले 24 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी बात नहीं मान रही। आज करनाल में एमबीबीएस के छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए एक पत्रकार वार्ता की जिसमें उन्होंने कहा कि उनको मेडिकल कॉलेजों में काम करें डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है और उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं ठप कर दी। सरकार को उन्होंने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है अगर सरकार 48 घंटे में कोई भी फैसला नहीं लेकर तो 48 घंटों के बाद इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।
छात्रों ने कहा सरकार का रवैया बिल्कुल अड़ियल
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार से हमारी कई बार वार्ता हुई लेकिन सभी विफल हुई सरकार हमारी बात मानने को तैयार नहीं है जिसके चलते और हमारे समर्थन में मेडिकल कॉलेज के डॉ सभी आ गए हैं जिन्होंने हमारा समर्थन करते हुए और बांड पॉलिसी का विरोध करते हुए अपनी सेवाएं देने से मना कर दिया है। प्रदर्शन कर रहे एमबीबीएस के छात्र ने कहा कि सरकार का रवैया बिल्कुल अड़ियल है जिसके चलते वह है इसके चलते वह हमारी बात मानने को तैयार नहीं है हालांकि जब एडमिशन लिया गया था तब उनको ढूंढ पॉलिसी के बारे में नहीं बताया गया था । बांड पॉलिसी में एक छात्र को 40 लाख रूपये भरने होता है इतनी मोटी रांची में कहां से लेकर आएंगे। अगर सरकार अब इनकी बात नहीं मानते तो 48 घंटों के बाद इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगे। जिसकी जिम्मेवार सरकार होगी।
छात्रों की ये है मुख्य मांगे
- OPD के बाहर धरने पर बैठे छात्रा की मुख्य मांग है कि बांड एग्रीमेंट में से बैंक की दखलअंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए।
- साथ ही बाँड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष की जाए।
- ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे।
- 40 लाख सेवा बॉन्ड राशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए।
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