ग्रामीण चौकीदारों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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If the demands of the rural watchmen are not met then the agitation continues
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इशिका ठाकुर,करनाल:
ग्रामीण चौकीदारों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को ग्रामीण चौकीदारों ने करनाल में जिला सचिवालय के सामने दो दिन का महापड़ाव डाल कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन जारी

ग्रामीण चौकीदारों ने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे। चौकीदारों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेकबाजी की। हरियाणा ग्रामीण चौकीदार महासभा के राज्य महासचिव कलीराम ने कहा कि ग्रामीण चौकीदार पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है, लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा। 4 अगस्त को ग्रामीण चौकीदार सभा का प्रतिनिधि मंडल पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली से चंडीगढ़ में मिला था। पंचायत मंत्री ने उन्हें वेतनमान बढ़ाने व वेतनमान को महंगाई भत्ते से जोड़े सहित विभिन्न मांगों को मुख्यमंत्री से बातचीत कर पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद चौकीदार सभा का प्रतिनिधि मंडल रोहतक में मुख्यमंत्री से मिला, लेकिन अभी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया।

चौकीदारों की मांग है कि उन्हें ईपीएफ से जोड़ा जाए

If the demands of the rural watchmen are not met then the agitation continues
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मांगे पूरी न किए जाने के विरोध में चौकीदारों ने करनाल में जिला सचिवालय के सामने दो दिन का महापड़ाव डाला है। कल चौकीदारों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि उनकी मांगों को सरकार ने जल्द ही पूरा नहीं किया तो वह आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे।ग्रामीण चौकीदार सभा के जिला प्रधान मदन ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने ग्रामीण चौकीदारों को ईपीएफ से जोडऩे का वायदा किया था, लेकिन उन्हें अभी तक ईपीएफ से नहीं जोड़ा गया। ग्रामीण चौकीदारों की मांग है कि उन्हें ईपीएफ से जोड़ा जाए और कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए व जिन गांव में चौकीदार रिटायर हो चुके है वहां पर चौकीदारों की भर्ती की जाए।

ग्रामीण चौकीदारों की मांग है कि उनका वेतनमान 24 हजार किया जाए।

राज्य महासचिव कलीराम ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है। उस बजट में गरीब मजदूरों को कोई राहत नहीं दी गई। महंगाई के इस दौर में गरीब का दो वक्त की रोटी खाना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीण चौकीदारों को 7 हजार रुपए वेतनमान दिया जा रहा है। इस महंगाई में 7 हजार में गुजारा करना बहुत मुश्किल है। ग्रामीण चौकीदारों की मांग है कि उनका वेतनमान 7 हजार से बढ़ाकर 24 हजार किया जाए।

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