पूर्व राज्यसभा सांसद ने हांसी के मौजूदा विधायक विनोद भ्याणा की बढ़ाई चिंता
Hisar News (आज समाज) हिसार: राज्यसभा के पूर्व सांसद रह रिटायर्ड जरनल डीपी वत्स ने हांसी से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि डीपी वत्स ने कहा कि अगर पार्टी ने आदेश दिया तो वह हांसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। वहीं डीपी वत्स के बयान से हांसी विधायक विनोद भ्याणा की चिंता बढ़ गई है। डीपी वत्स ने कहा कि हांसी विधानसभा उनका अपना इलाका है। वह हांसी के रहने वाले हैं। वत्स ने कहा कि राज्यसभा में जाने से पहले उन्होंने हांसी से विधानसभा का टिकट मांगा था मगर टिकट तो नहीं मिला मगर राज्यसभा में मुझे भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा में टिकट मांगनी नहीं पड़ती पार्टी का केंद्रीय बोर्ड तय करता है किसे उतारा जाए किसे नहीं। पार्टी जिसकी निष्ठा और जितने वाले पर दांव लगाती है। बता दें कि डीसी वत्स हांसी के थुराना गांव के रहने वाले हैं। उनकी खापों व ग्रामीण इलाकों पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
कांग्रेस ने संविधान बदलने की अफवाह फैलाकर लिए वोट
डीपी वत्स ने कहा कि भाजपा की सीटें घटने का कारण कांग्रेस द्वारा किया गया झूठा प्रचार है। कांग्रेस ने यह प्रचार किया कि भाजपा आई तो संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। इससे जनता में भ्रम फैल गया। इस कारण लोगों ने कम वोट भाजपा को दिए। मगर 10 साल तक शासन में राज करने के बाद भी अगर पार्टी केंद्र में दोबारा सरकार बना रही है तो यह बहुत बड़ी बात है। यह देश में दूसरी बार हुआ है।
जानिए जनरल डीपी वत्स
डीपी वत्स यानि देवेंद्र पाल वत्स एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हैं। वह कांग्रेस सरकार में हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व प्रमुख भी रह चुके हैं। वह एक प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा, हिसार में सलाहकार और सीईओ के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने 1975 में आर्मी मेडिकल कोर में शामिल होने से पहले रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज से अपनी शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली से अपनी चिकित्सा प्रशिक्षण पूरा किया था। डीपी वत्स को 1999 में विशिष्ट सेवा पदक , 2003 में सेना पदक और 2011 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है । वह सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में निदेशक और कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे और 30 अप्रैल 2011 को सेवानिवृत्त हुए।