किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने की घोषणा, कहा पूरी तरह से सफल रहा प्रदेश में रेल रोको अभियान
Punjab Farmers Protest (आज समाज), चंडीगढ़। किसानों की लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए पंजाब के किसान संगठन पिछले 10 माह से ज्यादा समय से पंजाब के बॉर्डर (शंभू और खनोरी) पर डटे हुए हैं। शंभू बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई जहां किसान नेता सरवन सिंह पंधेर कर रहे हैं वहीं खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।
उनका अनशन आज 24वें दिन में प्रवेश कर गया है। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने की घोषणा की है। इसी के चलते 18 दिसंबर को प्रदेश में रेल रोको आंदोलन किया गया। अब किसान संगठनों ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का फैसला लिया है।
12 ट्रेन हुई रद, 34 देरी से चलीं
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से जुड़े किसानों ने बुधवार को राज्य भर में तीन घंटे रेल रोको आंदोलन किया। राज्य भर में किसानों ने दोपहर 12 से तीन बजे तक रेल ट्रैक पर धरना दिया। किसानों के इस आंदोलन के कारण 12 ट्रेनें रद करनी पड़ीं। इसके अलावा 34 ट्रेनें देरी से चलीं। इसी बीच संगठन से जुड़े किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है। इसी क्रम में बड़े घटनाक्रम के तहत किसानों ने इस आंदोलन से दूरी बनाए रखे संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) गुट के नेताओं ने घोषणा की है कि उनका संगठन अभी इस आंदोलन में शामिल नहीं होगा।
रेल यात्रियों की सुविधा का रखा गया ध्यान
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से जुड़े किसान राज्य भर के अलग-अलग स्टेशनों और फाटकों पर इकट्ठा हुए और 12 बजे उन्हें रेल ट्रैक पर धरना लगा दिया। इस कारण जहां 12 ट्रेनें रद की गईं वहीं, 34 ट्रेनें देरी से चलाई गईं। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि जो ट्रेनें किसान आंदोलन के दौरान विलंब से चल सकीं, उन्हें ऐसे स्थानों पर रोका गया, जहां रेलयात्रियों को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्हें चाय, पानी (खान-पान) की सुविधा मिलती रही।
ये भी पढ़ें : Chandigarh Crime News : चंडीगढ़ में व्यक्ति ने अपनी महिला मित्र को चाकू से गोदा
ये भी पढ़ें : Amritsar Breaking News : अमृतसर शहर को विश्व स्तरीय बनाएंगे : सीएम