एजेंसी,मुंबई । महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता अब तक साफ नहीं हो सका है। भाजपा- शिवसेना के बीच के गतिरोध में अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी हुई है जबकि भाजपा कह रही है कि वह मुख्यमंत्री पद अपने पास रखेगी। उपमुख्यमंत्री शिवसेना का हो सकता है। इस बीच एनसीपी यानी राकांपा नेता जयंत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में अगर भाजपा और शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने में असफल हो जाता है तो उनकी पार्टी किसी विकल्प पर विचार करने के लिए बाध्य होगी। बता दें कि इसके पहले शरद पवार कह चुके हैं कि उन्हें सरकार बनाने की स्वीकृति जनता से नहीं मिली है इसलिए वह विपक्ष में ही बैठेंगे। शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। अब राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पाटिल राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं। उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, ”यदि भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर समाधान देने में असफल रहते हैं तो हम एक विकल्प के बारे में गंभीरतापूर्वक सोचने के लिए बाध्य होंगे। पाटिल ने यह भी कहा कि राकांपा के लिए भाजपा-शिवसेना को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार खड़ा करने के लिए पार्टी के पास पर्याप्त संख्या नहीं है।
इस बीच, राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मंगलवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भेंट करेगा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश से फसल को हुए नुकसान का मुद्दा उठाएगा। मलिक ने कहा, ”हम बैठक के दौरान किसानों की चिंताओं को उठाएंगे… ये एक गैर राजनीतिक बैठक होगी।
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