34 साल की सर्विस में 57 बार हुआ ट्रांसफर, अब परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की संभाल रहे जिम्मेदारी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका आज रिटायर हो रहे है। हरियाणा की आईएएस एसोसिएशन की ओर से बाकायदा उनके विदाई समारोह का एक लेटर भी जारी किया गया है। अभी अशोक खेमका हरियाणा परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। अशोक खेमका कांग्रेस की लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच 2012 में गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर चर्र्चा में आए थे। अशोक खेमका ने 34 साल सर्विस की। इस दौरान 57 बार उनका 57 ट्रांसफर हुआ। अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी है।

30 अप्रैल 1965 को कोलकाता में हुआ जन्म

खेमका कोलकाता के रहने वाले हैं। उनका जन्म 30 अप्रैल 1965 को हुआ। खेमका के पिता शंकरलाल खेमका जूट मिल में क्लर्क थे। अशोक खेमका ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ फंडामेंटल रिसर्च से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में एमबीए की।

खेमका ने आईआईटी में किया था टॉप

सिविल सेवा में आने से पहले उन्होंने आईआईटी खड़गपुर में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में टॉप किया था। 1990 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी बने और हरियाणा कैडर अलॉट किया गया।

अपने फैसलों की वजह से चर्चा में रहे अशोक खेमका

साल 2014 में, जब खेमका परिवहन आयुक्त थे, तो उन्होंने आॅटोमोबाइल और सफेद वस्तुओं के परिवहन के लिए बड़े आकार के ट्रकों और ट्रेलरों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। उनके इस फैसले से ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी थी। बाद में राज्य सरकार ने उन्हें केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली (सीएमवीआर) 1989 के अनुसार अपने वाहनों में फेरबदल करने के लिए एक साल का समय दिया था। इसके बाद ट्रक संचालकों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी।

सतर्कता विभाग में तैनाती मांगी थी

साल 2023 में अशोक खेमका ने पूर्व सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में तैनात करने की मांग की थी। पत्र में खेमका ने कहा था कि आप जानते हैं कि भ्रष्टाचार सर्वव्यापी है। जब मैं भ्रष्टाचार देखता हूं, तो यह मेरी आत्मा को पीड़ा देता है। कैंसर को जड़ से खत्म करने के उत्साह में मैंने अपने करियर का त्याग कर दिया है। कथित सरकारी नीति के अनुसार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किए बिना, एक नागरिक का अपनी वास्तविक क्षमता हासिल करने का सपना कभी भी साकार नहीं हो सकता है।

34 साल की सर्विस में प्रदीप कासनी का हुआ 70 बार ट्रांसफर

वहीं आईएएस अधिकारी रहे प्रदीप कासनी के नाम 70 बार ट्रांसफर का रिकॉर्ड है। 33 साल की सेवा अवधि के बाद प्रदीप कासनी 28 फरवरी 2018 को रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट से पहले प्रदीप का ट्रांसफर हरियाणा लैंड यूज बोर्ड में आॅफिसर आॅन स्पेशल ड्यूटी के पद पर किया गया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए प्रदीप कासनी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल गए थे। पिछले 6 महीने की नौकरी के लिए उन्हें सैलरी भी नहीं मिली थी।

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