Aaj Samaj (आज समाज), IAF Tejas Jets, नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अक्सर भारत को नुकसान पहुंचाने की सोच रखने वाले पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सरपरस्तों की अब वायुसेना का लड़ाकू विमान तेजस भी हवा निकालेगा। भारतीय वायुसेना स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में तैनात करने की तैयारी में है और इस मकसद से इन एयरक्राफ्ट्स को पाकिस्तान के साथ सीमा पर स्थित प्रदेश की घाटियों में उड़ान भरने का अनुभव प्राप्त करने के लिए इन दिनों भेजा गया है। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि घाटियों में उड़ान और अन्य अभियानों में अनुभव लेने के लिए वायुसेना ने तेजस को कश्मीर ले जाने का निर्णय लिया है।
- जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास घाटियों में उड़ान का अनुभव ले रहा फाइटर
पाक-चीन संयुक्त उद्यम जेएफ-17 फाइटर जेट से अधिक सक्षम
अधिकारियों ने बताया कि बेड़े के पायलट घाटी में उड़ान भरकर अनुभव एकत्रित कर रहे हैं। बता दें, वायु सेना के जम्मू-कश्मीर में कई अड्डे हैं, जो चीन व पाकिस्तान सहित दोनों मोर्चों पर संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब बेड़े के विमानों को कहीं ले जाया गया है। भारतीय वायुसेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित उत्तरी क्षेत्र के दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में अपने विमानों को अक्सर भेजती रहती है, ताकि उन्हें अलग-अलग इलाके में उड़ान भरने का अनुभव मिल सके। वायुसेना की नजर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किए जा रहे एलसीए मार्क-2 और एएमसीए पर भी है। वहीं, भारतीय विमान को पहले से ही पाकिस्तानी और चीनी संयुक्त उद्यम जेएफ-17 फाइटर जेट की तुलना में कहीं अधिक सक्षम माना जाता है।
तेजस में एक साथ 10 टारगेट ट्रैक करने की क्षमता
तेजस सिंगल इंजन वाला 6,500 किलोग्राम का हल्का लड़ाकू विमान है और इसके 50 प्रतिशत कलपुर्जे भारत में ही बने हैं। इसमें इजरायल का ईएल/एम-2052 रडार लगाया गया है। यह एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और उन पर हमला कर सकता है। तेजस को बेहद छोटे रनवे से टेकआॅफ किया जा सकता है।
एक बार 3000 किमी तक उड़ान भरने में सक्षम
इसमें छह प्रकार की मिसाइलें, लेजर गाइडेड बम और कलस्टर हथियार लगाए जा सकते हैं। यह सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर से लैस है जो हमले की सूरत में जेट बचाने में मदद करता है। एक बार में तेजस 3000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है। इसका एडवांस्ड वर्जन ‘तेजस मार्क-2’ है जो 56 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसे रूसी फाइटर मिग-21 (मिग-21) से बेहतर विकल्प माना जाता है।
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