नायब सैनी ही होंगे हरियाणा के सीएम, कल दूसरी बार लेंगे शपथ
कहा-हरियाणा हरि प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है
आज राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करेंगे पेश
Panchkula News (आज समाज) पंचकूला: आज हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में नायब सैनी के नाम पर मोहर लग गई है। नायब सैनी ही हरियाणा के सीएम होंगे। आज राज्यपाल से मिलकर नायब सैनी सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। कल पंचकूला के मेला ग्राउंड में नायब सैनी सीएम पद की शपथ लेंगे। नायब सैनी के साथ 10 विधायक भी मंत्री पद की शपथ ले सकते है। गौरतलब है कि चुनाव घोषणा से पहले ही भाजपा कह चुकी थी विस चुनाव नायब सैनी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। नायब सैनी ही हरियाणा में भाजपा के सीएम फेस होंगे। आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। विधायक दल का नेता चुने जाने पर नायब सैनी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि सर्वसम्मति से मुझे भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया है और हमें सेवक बनकर अपने 2.80 करोड़ परिवार-जनों की सेवा का अवसर मिल रहा है। आज हम सब का सौभाग्य है दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन और नेतृत्व हमारे पास है। एक बार फिर डबल इंजन की सरकार में हरियाणा को कैसे नॉन-स्टॉप अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया जाए इस मिशन के लिए काम करना है।
हम सभी कार्यकर्ता इस प्रक्रिया के साथ, सेवा के इस मिशन के साथ जुड़कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। आज एक बार फिर जब पार्टी ने मुझे अवसर दिया है तो यहां पर केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पधारे देश के यशस्वी गृह एवं सहकारिता मंत्री एवं राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के देवतुल्य कार्यकर्ताओं और हर हरियाणवी परिवार-जन को मैं ये भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार सेवा, सुशासन, सामानता और गरीब कल्याण के लिए समर्पित होकर काम करेगी।
अंबाला के मिजापुर माजरा गांव के रहने वाले है नायब सैनी
25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिजापुर माजरा गांव के एक ओबीसी परिवार में नायब सिंह सैनी का जन्म हुआ। उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़े। 2002 में सैनी को अंबाला भाजपा युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया। तीन साल बाद 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। नायब सैनी सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे। उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया। गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई।
पहले चुनाव में 5वें नंबर पर रहे थे सैनी
किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए भाजपा ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया। बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने। आंदोलन के दौरान उन्हें प्रदेश के बड़े गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जो नारायण क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके थे। 2009 के विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। टिकट दिलाने में सैनी के राजनीतिक गुरु मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी। उनका सीधा मुकाबला गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। सैनी बुरी तरह चुनाव हार गए। वे 5वें स्थान पर रहे। नारायणगढ़ में करारी हार के बाद भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया। 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया। सैनी ने युवा मोर्चा के समय में राजनीतिक तिकड़ी बनाई थी।
2014 में पहली बार विधायक बने
2014 में पहली बार विधायक बने, दो साल बाद खट्टर ने राज्यमंत्री बनाया अनिल विज से संगठनात्मक लड़ाई के बाद भी सैनी को मनोहर लाल खट्टर का समर्थन मिलता रहा। यही वजह रही कि 2014 में उन्हें फिर से नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। इस बार भी उनका मुकाबला चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। इस बार सैनी ने राम किशन को करीब 24 हजार वोटों से हरा दिया। हरियाणा के इतिहास में पहली बार भाजपा की सरकार बनी और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। दो साल बाद खट्टर ने सैनी को राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल कर लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सैनी को कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया। सैनी पार्टी की उम्मीदें पर खरे उतरे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को हराकर जीत हासिल की।
11 मार्च को टूटा था बीजेपी-जेजेपी गठबंधन
11 मार्च 2024, देश में लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो चुकी थी। इसी दिन पीएम मोदी शाम को हरियाणा के गुरुग्राम पहुंचे। उन्होंने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले हरियाणा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। पीएम ने इस दौरान मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण में हरियाणा सरकार और सीएम खट्टर की तत्परता नजर आती है। कार्यक्रम के बाद खट्टर चंडीगढ़ लौटे और कैबिनेट की बैठक बुलाई। मीटिंग देर रात तक चली। सुबह होते ही खबरें चलने लगीं कि हरियाणा में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट सकता है। खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 12 मार्च को खट्टर ने चंडीगढ़ में भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक के बाद खट्टर कैबिनेट के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर अपना इस्तीफा सौंप दिया। भाजपा-जजपा के गठबंधन की सरकार गिर गई।
12 मार्च को ली थी पहली बार सीएम पद की शपथ
अब राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही था कि भाजपा किसे हरियाणा का नया मुखिया बनाएगी। रेस में गृहमंत्री अनिल विज, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर जैसे नाम चल रहे थे। झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया। पर्यवेक्षकों ने विधायकों की मीटिंग बुलाई। इधर सैनी के गांव में राजनीतिक चहल-पहल बढ़ने लगी थी। पुलिस ने उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी। इसी बीच 12 मार्च को करीब 12 बजे विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित किया गया। मीडिया में खबर फैल गई कि हरियाणा की कमान नायब सिंह सैनी संभालेंगे। शाम करीब पांच बजे नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के ठीक बाद सैनी ने मंच पर बैठे मनोहर लाल खट्टर के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
विज की तर्ज पर जनता दरबार लगाते थे नायब सैनी
अबंला जिले की चौथी विधानसभा सीट, अंबाला कैंट में अनिल विज का बोलबाला था। अनिल विज खट्टर सरकार में मंत्री थे। तब सैनी ने नारायणगढ़ में जनता दरबार लगाना शुरू किया। चूंकि अंबाला कैंट के कुछ गांव भी नारायणगढ़ में आते थे, लिहाजा उन गांवों के लोग भी सैनी के दरबार में आने लगे। इससे विज को दिक्कत होने लगी। यहीं से विज की सैनी से राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई थी।
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