नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शर्मशार करने वाली घटना सामने आई। भीड़ ने मिलकर लाठी डंडों के प्रहार सेनिहत्थे लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। दरअसल महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और उनके साथ रहे गाड़ी के ड्राइवर को मॉब लिंचिंग में बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। मॉब लिंचिंग की इस घटना पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की प्रतिक्रिया आई और उन्होंने इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि पालघर में जो कुछ भी हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। पवार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय करार दिया। एनसीपी प्रमुख नेकहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में शामिल 100 से अधिक लोगों को एक ही रात में गिरफ्तार किया कर लिया। वहीं, मामले की जांच चल रही है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जो कुछ भी कर सकते हैं, वह कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि यह घटना अफवाह की वजह से हुई है। इससे पहले घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की थी। गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से घटना की रिपोर्ट भी मांगी थी। वीडियो फुटेज सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज कर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें 110 में से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है जबकि नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम में भेजा गया है। बता दें कि दो साधुओं की मॉब लिंचिंग में हत्या होने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सीएम उद्धव ठाकरे से बात की थी। उन्होंने भी कठोर कार्रवाई का आग्रह दोषियों के लिए सीएम से किया था।