Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल में मतभेद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे। लोकसभा चुनाव के बाद जालंधर उपचुनाव में पार्टी में मतभेद खुलकर सामने आ गए थे। जिसके बाद पिछले दिनों अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी के कई नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
जिसके बाद आज एक बार फिर से वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढीडसा ने कहा है कि वह पार्टी के सरपरस्त होने के नाते आठ बागी नेताओं और सात विधानसभा हलका प्रभारियों को पार्टी से निकलाने को फैसले को रद्द करते हैं। उन्होंने कहा कि अनुशासन कमेटी का फैसला असांविधानिक है।
यही कारण है कि उनको आगे आकर अब ये फैसला लेना पड़ा है। बैठक में ढींडसा ने कहा कि ये सभी नेता पार्टी में सुधार के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में ये अनुशासहीनता कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी की गिरती साख और बेअदबी के आरोपों पर गिरे सुखबीर बादल अब प्रधान रहने के लायक है, इसलिए उनको तुरंत अपना पद छोड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनुशासन कमेटी को फैसले को लेकर वह सुखबीर सिंह बादल को पत्र भी लिखेंगे, जिमसें उनसे इस मामले को लेकर जवाब मांगेंगे। पार्टी का प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाएंगे, जिसमें नया प्रधान चुना जाएगा। ढींढसा ने कहा कि वह आज तक लोगों के सामने नहीं आए थे, लेकिन अब मजबूरी में उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है।